PMI in June 2023: भारत में सेवा क्षेत्र की वृद्धि (services sector growth) जून में सुस्त पड़कर तीन माह के निचले स्तर पर आ गई है. एक मासिक सर्वेक्षण में बुधवार को यह जानकारी दी गई है. हालांकि, भारतीय सेवाप्रदाता लगातार सकारात्मक मांग के रुझान का संकेत दे रहे हैं, जिससे नए कारोबार की मात्रा और रोजगार सृजन में वृद्धि हुई है. मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सेवा पीएमआई (PMI Data) कारोबारी गतिविधि सूचकांक जून में घटकर 58.5 पर आ गया. मई में यह 61.2 पर था.


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लगातार 23वें महीने रहा 50 के ऊपर
सेवा पीएमआई का सूचकांक लगातार 23वें महीने 50 से ऊपर बना हुआ है. पीएमआई की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों के विस्तार से है. यदि यह 50 से नीचे है, तो इसका आशय गतिविधियों के संकुचन से होता है.


डी लीमा ने कही ये बात
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र की एसोसिएट निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा, ‘‘जून में भारतीय सेवाओं की मांग ऊंची रही. निगरानी वाले सभी चार उप-क्षेत्रों के नए कारोबार में तेज वृद्धि हुई.’’ लीमा ने कहा कि वृद्धि की रफ्तार बढ़ने से कारोबारी गतिविधियों में जोरदार तेजी आई है और इससे रोजगार के आंकड़े भी बेहतर हुए हैं. यह निकट अवधि की वृद्धि की संभावनाओं की दृष्टि से अच्छा है.’’


सर्वे में हुआ खुलासा
मूल्य के मोर्चे पर मिला-जुला रुख देखने को मिला है. उत्पादन लागत की वृद्धि कम रही है. हालांकि, इसे विनिर्माण के साथ जोड़ने पर निजी क्षेत्र के लिए उत्पादन मूल्य बढ़ोतरी करीब एक दशक में सबसे ऊंची रही है. सर्वे में शामिल 10 में से एक कंपनी ने कहा कि उसका परिचालन खर्च बढ़ा है. इसके लिए उसके खाने-पीने के सामान, निर्माण सामग्री और मजदूरी की लागत का हवाला दिया.


PMI मई में फिसला
इस बीच, एसएंडपी ग्लोबल इंडिया का सामूहिक पीएमआई उत्पादन सूचकांक मई के 61.6 से घटकर जून में 59.4 पर आ गया. यह सामूहिक रूप से सेवाओं और विनिर्माण उत्पादन का आकलन करता है. सर्वे में कहा गया है कि मई की तुलना में हालांकि इस सूचकांक में गिरावट आई है, इसके बावजूद यह तेज वृद्धि का संकेत देता है.


किस तरह तय होता है डाटा?
एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सेवा पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल द्वारा सेवा क्षेत्र की 400 कंपनियों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर तैयार किया जाता है.