Ratan Tata: रतन टाटा (Ratan Tata) अपनी शख्सियत के लिए जाने जाते हैं. उनकी दरियादिली की चर्चा अक्सर ही सुनने को मिलती है. आज रतन टाटा 85 साल के हो गए हैं. दिग्गज बिजनेस मैन रतन टाटा को हस्ती होने के बावजूद अपमान झेलना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपने इस अपमान का जिस तरह से बदला लिया वो अब मिसाल बन गया है. दिग्गज भारतीय उद्योगपति हर्ष गोयनका (Harsh Goenka) ने उनके इस बदले की कहानी का एक वीडियो ट्विटर (Twitter Video) पर शेयर किया है, जो तेजी से वायरल हो रहा है.


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हर्ष गोयनका ने किया वीडियो ट्वीट


RPG एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका (Harsh Goenka) ने अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें रतन टाटा द्वारा फोर्ड कंपनी से अपने अपने बदले (Ratan Tata Vs Ford) की कहानी को बताया गया है.  90 के दशक में टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने अपने कार डिविजन को बेचने के लिए फोर्ड से बात की और लग्जरी कार निर्माता कंपनी के मालिक की ओर से उन्हें अपमानित किया. इसके बाद Ratan Tata ने कार डिविजन को बेचने का फैसला टाला और फोर्ड को ऐसा सबक सिखाया, जिसकी उसने कल्पना नहीं की थी. देखिये इस खास विडियो को.



अपमान की पूरी कहानी


हर्ष गोयनका ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'Ratan Tata की प्रतिक्रिया जब Ford द्वारा अपमानित किया गया था.' इस वीडियो में आप देखेंगे कि 90 के दशक में रतन टाटा ने अपनी टाटा मोटर्स के जरिए टाटा इंडिका को लॉन्च किया लेकिन इसकी लॉन्चिंग फ्लॉप रही और उन्हें अपनी कार डिविजन को बेचने का फैसला करना पड़ा. इसके लिए रतन टाटा ने साल 1999 में फोर्ड मोटर्स के चेयरमैन Bill Ford से डील करना चाहा.


लेकिन अमेरिका में बिल फोर्ड ने इस सौदे को लेकर रतन टाटा का मजाक उड़ाया और अपमान करते हुए कहा था, 'तुम कुछ नहीं जानते, आखिर तुमने पैसेंजर कार डिविजन क्यों शुरू किया. अगर में ये सौदा करता हूं तो ये बड़ा एहसान होगा.' 


9 साल में टाटा मोटर्स बुलंदियों पर पहुंची 


बेमिसाल व्यक्तित्वा वाले रतन टाटा इस अपमान के बाद भी रतन टाटा शांत रहे और उसी रात ये फैसला कर लिया कि अब वो Tata Motors का कार डिविजन नहीं बेचेंगे और रात में ही रतन टाटा मुबंई के लिए वापस लौट गए. इसके बाद उन्होंने इस अपमान को लेकर कोई जिक्र नहीं किया, बल्कि अपना पूरा ध्यान कंपनी के कार डिविजन को बुलंदियों पर पहुंचाने में लगा दिया. इस घटना के लगभग नौ साल बाद यानी 2008 में उनकी टाटा मोटर्स दुनिया भर के मार्केट में छा चुकी थी और कंपनी की कारें वेस्ट सेलिंग कैटेगरी में सबसे ऊपर आ गई थीं.


Bill Ford से लिया ग़ज़ब का बदला 


इस समय तक बिल फोर्ड के नेतृत्व वाली फोर्ड मोटर्स की हालत खराब हो चुकी थी. डूबती फोर्ड कंपनी की मदद के लिए रतन टाटा आगे आए और यही उनके अपमान का बदला लेने का तरीका ही था. जब फोर्ड बड़े नुकसान में थी तो 2008 में ही टाटा चेयरमैन रतन टाटा ने चेयरमैन बिल फोर्ड को उनकी कंपनी की सबसे लोकप्रिय जैगुआर और लैंड रोवर ब्रांड को खरीदने का ऑफर दिया. इसके लिए बिल फोर्ड को खुद अपनी पूरी टीम के साथ मुंबई आना पड़ा.


फोर्ड बोले- 'आप हम पर एहसान कर रहे'


मुंबई में रतन टाटा के ऑफर को एक्सेप्ट करते हुए बिल फोर्ड ने रतन टाटा को थैंक्यू बोला और कहा 'आप जैगुआर और लैंड रोवर सीरीज को खरीदकर हमपर बड़ा ऐहसान कर रहे हैं.'