Byju Crisis: विवादों में घिरी एडटेक कंपनी बायजू के सीईओ बायजू रवींद्रन ने वित्तीय संकट को लेकर कहा है कि जब कंपनी मुश्किल वक्त में थी उसी समय निवेशक बीच मझधार में छोड़कर भाग गए. उस समय कंपनी के बोर्ड ने  6-0 की सहमति से सभी प्रमुख अधिग्रहण और विस्तार योजनाओं को मंजूरी दी थी. लेकिन आज विडंबना यह है कि वही लोग तुरंत आलोचना करने लगते हैं.


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यह पहली बार है जब बायजू रवींद्रन ने अपनी वित्तीय संकट को लेकर मीडिया से बात की है. निवेशकों द्वारा स्टार्टअप को छोड़ने के कदम पर खेद व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि मुश्किल वक्त में निवेशक भाग गए जिससे कंपनी की मुश्किलें बढ़ गईं. 


तीन इस्तीफे से फंड जुटाना हुआ मुश्किलः रवींद्रन


बायजू रवींद्रन ने आगे कहा, "जब अमेरिकी ऋणदाताओं ने डिफॉल्ट का आरोप लगाया और डेलावेयर अदालत में मामला दायर किया, तो सभी तीन निदेशकों ने कुछ ही हफ्तों में इस्तीफा दे दिया. तीन निवेशकों के एक साथ बोर्ड छोड़ने से नया फंड जुटाना असंभव हो गया और इसीलिए हम यहां हैं. इन लोगों के जाने से कंपनी की क्षमता पर असर पड़ा.


इसके व्यापक रुझान के कारण निवेशकों के बीच कंपनी की स्थिति और भी खराब हो गई है. Prosus सहित कई निवेशकों ने पिछले 4-5 वर्षों से कुछ भी निवेश नहीं किया है. 2020-21 के दौरान जब कंपनी अपने चरम पर थी और विस्तार कर रहा थी उस समय कुछ निवेशकों ने 40 मार्केट में विस्तार करने का आदेश दिया था. लेकिन बुरे दौर में देनदारी के डर से कई लोग भाग गए."


अभी विडंबना यह है कि...: रवींद्रन


रवीन्द्रन ने कहा कि बुरा दौर शुरू होने के बाद कई लोग भाग गए. उस समय हमारे बोर्ड ने सर्वसम्मति से 6-0 वोटिंग के साथ सभी प्रमुख अधिग्रहण और विस्तार योजनाओं को मंजूरी दी थी. लेकिन आज विडंबना यह है कि वही लोग तुरंत आलोचना करने लगते हैं.


रवींद्रन की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कंपनी को अमेरिका और भारतीय अदालतों में निवेशकों के साथ ऋण भुगतान से लेकर कुप्रबंधन के आरोपों को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है.