सरकारी तेल कंपनियों की बम-बम, प्रॉफिट की रकम सुनकर हैरान रह जाएंगे, क्या सस्ता होगा तेल?
Indian Oil Corporation Profit: अप्रैल, 2023 से मार्च, 2024 के दौरान आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल का सामूहिक रूप से एग्रीगेट नेट प्रॉफिट तेल संकट से पहले के सालों में उनकी 39,356 करोड़ रुपये की सालाना कमाई से बेहतर रहा है.
Oil Companies Profit: पब्लिक सेक्टर की तीनों पेट्रोलियम कंपनियों के लिए पिछला फाइनेंशियल ईयर बम-बम रहा है. बीते वित्त वर्ष 2023-24 में तीनों कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने करीब 81,000 करोड़ रुपये का बंपर मुनाफा दर्ज किया है. यह तेल-संकट के पहले के सालों की उनकी सालाना कमाई से ज्यादा है. अप्रैल, 2023 से मार्च, 2024 के दौरान आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल का सामूहिक रूप से एग्रीगेट नेट प्रॉफिट तेल संकट से पहले के सालों में उनकी 39,356 करोड़ रुपये की सालाना कमाई से बेहतर रहा है.
पहले के सालों की तुलना में कंपनी का मुनाफा बेहतर
कंपनियों की तरफ से शेयर बाजार को यह जानकारी दी गई. तीनों कंपनियों ने साल 2023-24 में एकल और इंटीग्रेटेड बेस पर अपना सबसे ज्यादा मुनाफा कमाया है. शेयर बाजार को दी गई जानकारी के अनुसार, आईओसीएल ने 2023-24 में 39,618.84 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया है. इसके मुकाबले 2022-23 में नेट प्रॉफिट 8,241.82 करोड़ रुपये रहा था. हालांकि, कंपनी यह दलील दे सकती है कि 2022-23 का उसका प्रॉफिट तेल संकट से प्रभावित हुआ था. लेकिन संकट से पहले के सालों से तुलना की जाए तो भी कंपनी का मुनाफा बेहतर रहा है. 2021-22 में कंपनी का नेट प्रॉफिट 24,184 करोड़ रुपये और 2020-21 में 21,836 करोड़ रुपये रहा था.
पिछले वित्त वर्ष में 8,974 करोड़ रुपये का नुकसान
बीपीसीएल ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में 26,673.50 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया है, जो 2022-23 के 1,870.10 करोड़ रुपये के आंकड़े से कहीं ज्यादा है. फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में बीपीसीएल ने 8,788.73 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया था. शेयर बाजार को दी गई सूचना के अनुसार, एचपीसीएल (HPCL) का 2023-24 में नेट प्रॉफिट 14,693.83 करोड़ रुपये रहा है. इससे पिछले फाइनेंशियल ईयर में कंपनी को 8,974.03 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. साल 2021-22 में कंपनी ने 6,382.63 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था.
वित्त वर्ष 2022-23 में हुए नुकसान की वजह से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 के बजट में आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को उनकी ऊर्जा बदलाव योजना के लिए 30,000 करोड़ रुपये का समर्थन देने का ऐलान किया था. बाद में इस राशि को घटाकर आधा यानी 15,000 करोड़ रुपये कर दिया गया था. यह समर्थन इक्विटी निवेश या राइट्स इश्यू के जरिये दिया जाना था. हालांकि, अभी तक यह समर्थन दिया नहीं गया है.
देश के लगभग 90 प्रतिशत ईंधन बाजार को नियंत्रित करने वाली तीन कंपनियों ने अपनी मर्जी से पिछले दो सालों से पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस (LPG) की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया, जिसके चलते उत्पादन लागत अधिक होने की वजह से उन्हें नुकसान उठाना पड़ा. तीनों पेट्रोलियम कंपनियों को अप्रैल-सितंबर, 2022 के दौरान सामूहिक रूप से 21,201.18 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था.