ITR Login: जीवनयापन करने के लिए कमाई करना काफी जरूरी हो जाता है. ऐसे में कमाई करने के लिए लोग जॉब करते हैं या फिर बिजनेस भी करते हैं. वहीं जैसे-जैसे कमाई में इजाफा होता जाता है, वैसे-वैसे लोगों का टैक्स चुकाने की लाइबलिटी भी बढ़ जाती है और लोगों की इनकम टैक्सेबल भी हो जाती है. ऐसे में आज हम उन लोगों को कुछ खास टिप्स देने वाले हैं, जिनकी महीने की कमाई 42000 रुपये से ज्यादा हो चुकी है.


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इनकम टैक्स रिटर्न
दरअसल, देश में दो टैक्स रिजीम के तहत सरकार की ओर से इनकम टैक्स वसूल किया जाता है. इनमें एक पुराना टैक्स रिजीम है तो दूसरा नया टैक्स रिजीम है. इन टैक्स रिजीम में अलग-अलग कमाई पर अलग-अलग टैक्स स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स वसूल किया जाता है. ऐसे में अगर कोई पुराना टैक्स रिजीम चुनेगा तो उसे 2.5 लाख रुपये की सालाना इनकम तक कोई इनकम टैक्स नहीं चुकाना होगा.


इनकम टैक्स स्लैब
इसके बाद 2.5 लाख से 5 लाख रुपये सालाना इनकम वाले लोगों को 5 फीसदी इनकम टैक्स चुकाना होता है. हालांकि सरकार की ओर से 5 लाख रुपये सालाना आय तक के लोगों को 5 फीसदी की रिबेट भी मिलती है. जिससे यहां भी लोगों को कोई इनकम टैक्स नहीं चुकाना होता है. ऐसे में लोगों को थोड़ी राहत भी मिल जाती है.


टैक्स
वहीं पुराने टैक्स रिजीम के मुताबिक जिन लोगों की इनकम 5 लाख रुपये सालाना से ज्यादा और 10 लाख रुपये सालाना तक है उन लोगों को 20 फीसदी का इनकम टैक्स चुकाना होगा. ऐसे में 5 लाख रुपये सालाना आय का मतलब है कि महीने की इनकम 41666 रुपये (करीब 42000 रुपये) से ज्यादा होगी तो लोगों को टैक्स चुकाना होगा.


टैक्स सेविंग स्कीम
हालांकि अगर महीने की इनकम टैक्स स्लैब में आती है तो लोगों को टैक्स बचाने के लिए उपाय भी कर लेना चाहिए. दरअसल, लोगों को टैक्स सेविंग स्कीम में इंवेस्टमेंट करनी चाहिए. इससे लोगों इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते वक्त टैक्स बचा सकते हैं. कई सरकार योजनाएं भी हैं, जिनमें निवेश कर टैक्स सेविंग का बेनेफिट उठाया जा सकता है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के जरिए 1.5 लाख रुपये सालाना तक टैक्स सेविंग की जा सकती है.