नई दिल्ली: अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं तो सेक्शन 80C से जरूर वाकिफ होंगे. इसके तहत 1.5 लाख रुपये तक का निवेश टैक्स फ्री होता है. पिछले दिनों ज़ीबिज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में कहा गया था कि बजट 2019 ( 5 जुलाई को पेश किया जाएगा) में सेक्शन 80C के लिए छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की जा सकती है. ऐसे में आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि इस सेक्शन के तहत कौन-कौन सा निवेश शामिल होता है. अमूमन इंश्योरेंस पॉलिसी, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) के तहत जितना निवेश किया जाता है वह सेक्शन 80C में काउंट होता है. इसके अलावा भी निवेश के कई विकल्प हैं जो सेक्शन 80C के अंतर्गत आते हैं और टैक्सपेयर्स उन निवेश पर टैक्स बेनिफिट्स उठा सकते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

1. EPF और VPF (Voluntary Provident Fund)
Voluntary Provident Fund के तहत कोई भी कर्मचारी अपने EPF में 12 फीसदी से ज्यादा योगदान कर सकता है. इससे उसकी टेक-होम सैलरी कम हो जाएगी. VPF कंट्रीब्यूशन भी सेक्शन 80C के तहत कवर होता है. EPF और VPF के तहत सालान 1.5 लाख तक कंट्रीब्यूशन टैक्स फ्री होता है. इसपर जो इंटरेस्ट मिलता है वह भी टैक्स फ्री है. पिछले दिनों सरकार ने EPF पर ब्याज दर 8.55 फीसदी से बढ़ा कर 8.65 फीसदी कर दी थी.


2. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF).
इसके तहत सालाना कम से कम 500 रुपये और अधिक से अधिक 1.5 लाख रुपये तक का निवेश टैक्स फ्री है. PPF पर जितना इंटरेस्ट मिलता है वह भी टैक्स फ्री है. इसका मैच्योरिटी पीरियड 15 साल है. PPF पर सालाना कंपाउंड इंटरेस्ट मिलता है. इंटरेस्ट रेट हर तीन महीने (क्वार्टरली) पर बदलता है. वर्तमान में यह 8 फीसदी है.


फाइल कर रहे हैं इनकम टैक्स रिटर्न, तो इन 10 बातों का रखें ध्यान नहीं तो होंगे परेशान


3. लाइफ इंश्योरेंस.
अपने नाम पर, पति/पत्नी के नाम पर और बच्चों के नाम पर इंश्योरेंस पॉलिसी प्रीमियम भी टैक्स फ्री होता है. अगर, आप अपने माता-पिता और भाई-बहन के लिए प्रीमियम चुका रहे हैं तो वह सेक्शन 80C के तहत कवर नहीं होता है. इसके तहत आप जितने भी पॉलिसी के लिए प्रीमियम चुका रहे हैं, सभी सेक्शन 80C के तहत कवर होता है.


4. इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS).
इसके तहत 1.5 लाख तक का निवेश सेक्शन 80C में शामिल होता है. ELSS के लिए लॉकिंग पीरियड कम से कम 3 सालों के लिए होता है.


5.  होम लोन EMI.
अगर आपने कोई होम लोन लिया है तो EMI में प्रींसिपल अमाउंट और इंटरेस्ट दोनों शामिल होता है. प्रींसिपल अमाउंट सेक्शन 80C के तहत कवर होता है, जबकि इंटरेस्ट रेट का फायदा सेक्शन 24 और सेक्शन 80EE के तहत उठाया जा सकता है.


6. अगर आप डेवलपमेंट अथॉरिटी (जैसे कि दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी/DDA) को स्कीम के तहत मिले घर के बदले पेमेंट कर रहे हैं तो वह भी सेक्शन 80C  के तहत कवर होता है.


7. सुकन्या योजना.
अगर आपकी बेटी 10 साल से छोटी है तो उसके नाम पर बैंक अकाउंट में जो जमा कर रहे हैं वह भी सेक्शन 80C के तहत कवर होता है. सुकन्या योजना का लाभ दो बेटियों के नाम पर उठाया जा सकता है. अगर आपकी जुड़वां बेटी है तो तीसरी बेटी के नाम पर भी सुकन्या योजना का लाभ उठाया जा सकता है.


8. नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC).
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट की मैच्योरिटी पीरियड 5 सालों की होती है. कम से कम 100 रुपये की NSC खरीदी जा सकती है. हालांकि, इंटरेस्ट टैक्सेबल होता है.


9. सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम (SCSS).
यह स्कीम मुख्य रूप से सीनियर सिटिजन के लिए है. जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है वे इसके तहत निवेश कर सेक्शन 80(C) का फायदा उठा सकते हैं. अगर किसी सरकारी कर्मचारी की उम्र 55 से ज्यादा है और वह 60 वर्ष से पहले Voluntary Retirement लेता है तो वह इसका फायदा उठा सकता है. हालांकि, उसे रिटायरमेंट के तीन महीने के भीतर SCSS अकाउंट खुलवाना होगा.


10. अगर बच्चों के लिए ट्यूशन फीस भर रहे हैं तो वह भी सेक्शन 80 (सी) के तहत कवर होता है. हालांकि, इसमें डोनेशन शामिल नहीं होता है. इसके साथ ही स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी जो भारत में है, वहां एडमिशन फीस ही इस सेक्शन के तहत कवर होते हैं.