Social media startup Koo: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ट्विटर को टक्कर देने के लिए शुरू हुआ KOO बंद हो गया है. KOO के बंद होने के पीछे को-फाउंडर अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावतका ने पार्टनरशिप को लेकर असफल बातचीत और हाई मेंटेनेंस कोस्ट का हवाला दिया है. यूजर्स के लगातार बढ़ते संख्या और एक्सेल और टाइगर ग्लोबल जैसे निवेशकों के समर्थन के बावजूद KOO को फंडिंग के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था. KOO का लक्ष्य भारत में ट्विटर से आगे निकलने का था लेकिन बाजार की चुनौतियों के सामने कू ने घुटने टेक दिए.


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अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावतका ने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए कहा है, "हमने कई बड़ी इंटरनेट कंपनियों, समूहों और मीडिया घरानों के साथ साझेदारी की कोशिश की थी. लेकिन इस बातचीत का नतीजा हमारे पक्ष में नहीं रहा. 


क्यों फेल हुआ KOO?


कंपनी के को-फाउंडर्स ने प्रमुख इंटरनेट कंपनियों, समूहों और मीडिया घरानों के साथ असफल बातचीत का हवाला दिया है. संस्थापकों ने KOO को बंद करने के निर्णय के पीछे एक मुख्य कारण इसे जारी रखने के लिए जरूरी लागत भी बताया है. बीते काफी समय से अधिग्रहण को लेकर Koo और डेलीहंट के बीच बातचीत चल रही थी.


KOO एक समय 21 लाख प्रतिदिन और एक करोड़ मासिक एक्टिव यूजर्स के साथ अपने चरम पर था. इस प्लेटफॉर्म पर 9 हजार से ज्यादा वीआईपी लोग भी अपना अकांउट बनाए हुए थे. को-फाउंडर्स का कहना है कि हम 2022 में भारत में एक्टिव ट्विटर (एक्स) यूजर को पीछे छोड़ने से कुछ ही महीने दूर थे. लेकिन कंपनी को इसी दौरान फंडिंग में मंदी का सामना करना पड़ा. जिससे हम इस लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाए.


ट्विटर से सरकारी विवादों के बीच हुआ था उदय


को-फाउंडर अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावतका ने अपने बयान में कहा है कि हमारे लिए यह दुर्भाग्य की बात है कि अब 'छोटी पीली चिड़िया' ने फाइनल गुडबाय कह दिया है.  


ट्विटर (अब एक्स) के साथ सरकारी विवादों और भारत के स्वदेशी डिजिटल प्लेटफार्मों के विस्तार के लिए बढ़ते दबाव के बीच KOO ने 2021 में काफी लोकप्रियता हासिल की थी. इस प्लेटफॉर्म का उदय केंद्रीय मंत्रियों और सरकारी विभागों के समर्थन से हुआ था. बाद में 3one4 Capital सहित अन्य निवेशकों से 66 मिलियन डॉलर से अधिक प्राप्त करने के बाद Koo का बाजार मूल्य $274 मिलियन हो गया था.


KOO को लॉन्च करने से पहले अप्रमेय राधाकृष्ण ने राइड-हेलिंग कंपनी टैक्सीफॉरश्योर की स्थापना की थी जिसे 2015 में ओला ने अधिग्रहण कर लिया. वहीं, बिदावतका जिन्होंने राधाकृष्ण के साथ KOO की स्थापना की वह टैक्सीफॉरश्योर में भी उनके सहयोगी भी थे.