नई दिल्ली : लक्ष्मी विलास बैंक और इंडियाबुल्स (Laxmi Vilas Bank) का मर्जर खटाई में पड़ सकता है. लक्ष्मी विलास बैंक (LVB) के CEO पार्थसारथी मुखर्जी ने अचानक इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद रिजर्व बैंक ने मामले की जांच शुरू कर दी है. इस मर्जर को दूसरे रेगुलेटर की मंजूरी मिल गई है. लेकिन RBI रियल्‍टी क्षेत्र की कंपनी इंडिया बुल्‍स के बैंकिंग क्षेत्र में आने को लेकर भ्रम में है. RBI ने दोनों कंपनियों के लिए जानकारी साझा करने पर भी रोक लगा दी है.


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क्या पूरा होगा मर्जर?
- दोनों कंपनियां RBI के जांच के घेरे में
- LVB के CEO के निकलने के बाद RBI ने जांच शुरू की
- कंपनियों को जानकारी साझा करने पर रोक लगाई
- कंपनी पर कई बार फंड में अनियमितता के आरोप लगे
- IB हाउसिंग पर पूंजी में हेराफेरी का आरोप


सुब्रमण्यम स्वामी ने लगाए आरोप
क्या हैं सुब्रमण्यम स्वामी के आरोप
-नेशनल हाउसिंग बैंक से `1 लाख करोड़ के गबन का आरोप
-PM को लिखी चिट्ठी में स्वामी ने उठाए थे कंपनी पर सवाल


नई PIL में क्या हैं आरोप
-एक ही पते पर 12,000 कंपनियां रजिस्टर होने पर सवाल
-PIL में आशंका जताई गई कि कंपनियां डमी हो सकती हैं
-डमी कंपनियों के ज़रिए हेराफेरी किए जाने की आशंका


यह भी देखें: 



RBI की जांच का फोकस
- IB हाउसिंग का बैंक के साथ मर्जर का तर्क
- लक्ष्मी विलास बैंक की खराब वित्तीय हालत
- पूंजी की स्थिति पर नजर
- एसेट क्वालिटी में सुधार नहीं होने से PCA में जा सकता है बैंक
- IB हाउसिंग का रियल एस्टेट में एक्सपोजर


लक्ष्मी विलास बैंक: ग्रॉस NPA
Q1FY20 17.3%
Q4FY19 15.3%
Q3FY19 13.95%
Q2FY19 12.3%
Q1FY19 10.7%