LIC ने ऐसा कौन सा बदलाव कर दिया कि बेचैन हो गए कांग्रेस सांसद, लिखनी पड़ी वित्त मंत्री को चिट्ठी
देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम ( Life Insurance Corporation of India) ने बीते दिनों अपनी पॉलिसी में कुछ बदलाव किए. अक्टूबर से नए बदलाव लागू भी हो गए. अब इन बदलावों को लेकर कांग्रेस सांसद ने वितत् मंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखी है.
LIC polices changes: देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम ( Life Insurance Corporation of India) ने बीते दिनों अपनी पॉलिसी में कुछ बदलाव किए. अक्टूबर से नए बदलाव लागू भी हो गए. अब इन बदलावों को लेकर कांग्रेस सांसद ने वितत् मंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने चिठ्टी के जरिए एसआईसी की पॉलिसी में किए गए बदलावों के चलते पॉलिसीधारकों और एलआईसी एजेंट की कमाई पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंता जताई है.
LIC ने किया कौन सा बदलाव
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने एलआईसी नीतियों में बदलावों को लेकर चिंता जताते हुए वित्त मंत्री को पत्र लिखा है. उन्होंने लिखा कि एलआईसी ने हाल ही में न्यूनतम बीमा राशि को बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया है . इसके साथ ही पॉलिसी की प्रीमियम दरों में वृद्धि कर दी है. उन्होंने एलआईसी एजेंट की आमदनी को लेकर भी चिंता जताई है. कांग्रेस सांसद ने चिंता जताते हुए लिखा कि एलआईसी एजेंटों के लिए कमीशन की दर बीमा अधिनियम 1938 के अनुसार तय की गई थी. लेकिन बीते कई सालों से कमीशन दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई है. उन्होंने लिखा कि बीमा एजेंटों और बीमा उद्योग की ओर से कई बार कमीशन बढ़ाने को लेकर अनुरोध किया गया, लेकिन कमीशन दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई है.
कांग्रेस सांसद की क्या है चिंता
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने एलआईसी नीतियों में बदलावों को लेकर चिंता जताते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है. उन्होंने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की नीतियों में हालिया बदलावों के संबंध में चिंता जताते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कहा कि ये बदलाव बहुत परेशान करने वाले हैं. लगभग 14 लाख एलआईसी एजेंट और लाखों पॉलिसीधारकों की आजीविका पर इनका प्रतिकूल असर पड़ सकता है. सीतारमण को लिखे पत्र में टैगोर ने कहा कि सरकार ने 2047 तक भारत की पूरी आबादी का बीमा करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है, जिसका व्यापक उद्देश्य विशेष रूप से ग्रामीण और आर्थिक रूप से वंचित इलाकों में वित्तीय सुरक्षा मुहैया कराना है.
एलआईसी एजेंटों की कमाई पर असर
उन्होंने कहा कि बहरहाल, एलआईसी द्वारा हाल में किए नीतिगत बदलावों और फैसलों के कारण एजेंटों के वास्ते प्रभावी रूप से जीवन बीमा नीतियों को बढ़ावा देना और उन्हें बेचना मुश्किल हो रहा है.उन्होंने कहा कि मैं जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की नीतियों में हाल के बदलावों के बाद एलआईसी एजेंटों और पॉलिसीधारकों की चिंताओं को व्यक्त करने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं. ये बदलाव एक अक्टूबर 2024 से लागू हुए. उन्होंने पांच नवंबर को लिखे पत्र में कहा कि ये बदलाव बहुत परेशान करने वाले हैं और इनका तकरीबन 14 लाख एलआईसी एजेंटों और लाखों पॉलिसीधारकों की आजीविका पर असर पड़ सकता है जो किफायती जीवन बीमा के लिए एलआईसी पर निर्भर रहते हैं.
एलआईसी पॉलिसी के इन बदलावों पर जताई चिंता
उन्होंने कहा कि एलआईसी ने हाल में न्यूनतम बीमा राशि बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी और प्रीमियम की दरें भी बढ़ा दी हैं. कांग्रेस सांसद ने कहा इसका ग्रामीण, निम्न और मध्यम आय समूहों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जो अब संभवत: इन उच्च प्रीमियम दरों पर बीमा पॉलिसी खरीदने में सक्षम नहीं होंगे. टैगोर ने कहा कि एलआईसी एजेंटों के लिए कमीशन की दर 1938 के बीमा अधिनियम के अनुसार तय की गई थी. उन्होंने कहा कि एजेंट और बीमा उद्योग से कई अनुरोधों के बावजूद कमीशन की दरों में कोई वृद्धि नहीं की गयी.
उन्होंने कहा कि एलआईसी की प्रीमियम दरें पहले से ही इस उद्योग में सबसे अधिक हैं और इससे भी अधिक प्रीमियम दरों के साथ नई पॉलिसी की शुरुआत से एजेंटों के लिए पॉलिसी बेचना लगभग असंभव हो गया है, खासकर मध्यम और निम्न आय वाली आबादी के लिए. इनपुट-भाषा