नई दिल्ली: नई दिल्ली: कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री (MCA) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से IL&FS की ऐसी कंपनियों के लिए प्रोविजनिंग टालने की मांग की जिनके एस्क्रो अकाउंट में पर्याप्त फंड उपलब्ध हैं. MCA के मुताबिक इन कंपनियों के एस्क्रो अकाउंट में पैसे उपलब्ध हैं और कुछ महीने में बकाये का पेमेंट कर सकते हैं.


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मंत्रालय का कहना है कि इससे बैंकों को फायदा होगा और उन्हें प्रोविजनिंग नहीं करनी पड़ेगी. मंत्रालय ने ऐसे कुछ सब्सिडियरी कंपनियों की पहचान की है और इनके लिए आरबीआई से स्पेशल डिस्पेंशन मांगेंगी. सरकार ने सब्सिडियरी कंपनियों  की तीन कैटेगरी- रेड, ग्रीन और एम्बर बनाई है. ये स्पेशल डिस्पेंशन एम्बर कैटेगरी के लिए मांगा जा रहा है.


संकट से जूझ रही IL&FS के अटके हुए प्रोजेक्ट्स एनएचएआई को सौंपे जाएंगे


इन कैटेगरी के तहत रेड कैटेगरी के एसेट्स को पूरी तरह बेचा दिया जाएगा. जिन कंपनियों के पास कैश फ्लो नहीं है उन्हें पूरी तरह बेचा जाएगा. मंत्रालय का कहना है कि अगले चार से पांच महीने में IL&FS मामले का पूरी तरह से निपटारा हो जाएगा.


पिछले दिनों कहा गया था कि संकट से जूझ रही कंपनी IL&FS के अटके हुए इंफ्रा प्रोजेक्ट जल्द ही एनएचएआई को सौंप दिए जाएंगे. इसके लिए  आईएलएंडएफएस के नवगठित बोर्ड के अधिकारियों ने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर अटके हुए रोड प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से चर्चा की थी. नए बोर्ड अधिकारियों ने गडकरी से इन अटके हुए प्रोजेक्ट को सुलझाने के लिए मदद मांगी थी.