नई दिल्ली : दूरसंचार मंत्रालय स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए निविदा आमंत्रित करने की प्रक्रिया में जुटा है और निविदा संबंधित नोटिस सितंबर में जारी किया जाता सकता है. जबकि स्पेक्ट्रम की नीलामी नवंबर में हो सकती है. यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी. सूत्रों ने बताया कि 5जी स्पेक्ट्रम ट्रॉयल आवंटन समेत मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रमों के साथ-साथ निविदा आमंत्रण सूचना की तैयारी चल रही है. मंत्रालय की समय-सारणी के अनुसार, निविदा आमंत्रण सूचना सितंबर में जारी की जाएगी और स्पेक्ट्रम की नीलामी नवंबर में होगी.


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भारत में 2020 तक 5G सर्विस शुरू होने की संभावना
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने करीब 8,644 मेगाहर्टज आवृत्ति के बैंड के स्पेक्ट्रम नीलामी की अनुशंसा की है, जिसका अनुमानित आधार मूल्य (बेस प्राइस) पांच लाख रुपये है. इसमें 5जी सेवा के लिए रेडियो तरंगें भी शामिल हैं. दुनियाभर में दूरसंचार कंपनियों द्वारा हाई स्पीड की सेवा आरंभ किए जाने के साथ-साथ भारत भी 2020 तक 5जी सेवा शुरू करना चाहता है.


दक्षिण कोरिया का उदाहरण देते हुए उद्योग द्वारा की जा रही मांग को लेकर 5G स्पेक्ट्रम की कीमतों में किसी प्रकार के संशोधन को लेकर पूछे गए सवाल पर सूत्रों ने बताया कि दूरसंचार कंपनियां पब्लिक और राइट इश्यू के जरिये अपने नेटवर्क का विस्तार करने व अपग्रेड करने के लिए वित्तपोषण करती हैं और उन्हें 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी कोष के लिए इसी तरह का बजट बनाना होगा. उद्योग ने इतनी ऊंची कीमत पर एयरवेव खरीदने में अपनी अक्षमता जाहिर की है.



ट्राई ने 3300-3600 मेगाहट्र्ज बैंड के 5जी स्पेक्ट्रम के लिए 492 करोड़ रुपये प्रति मेगाहट्र्ज की सुरक्षित कीमत की सिफारिश की है, जोकि पूरे भारत में कम से कम 20 मेगाहट्र्ज के लिए है. इस प्रकार एक ऑपरेटर को 9,840 करोड़ रुपये चुकाने होंगे, जिसे वे काफी ज्यादा मानते हैं.