अब घाटे से उबरेगी एयर इंडिया, सरकार ने बनाया है ये प्लान...
सरकार को भरोसा है कि इन 2 कदमो के जरिये एयर इंडिया की स्थिति काफी बेहतर हो सकेगी और फिर इस साल ऑयर इंडिया को बेचने या विनिवेश की एक बार फिर कोशिश की जा सकती है.
समीर दीक्षित, मुंबईः एयर इंडिया को घाटे से उबरने और विनिवेश के कदम पर सरकार साल 2019 में अपनाएगी तेज़ी. योजना के तहत सरकार एयर इंडिया में हिस्सेदारी बेचने के लिए सबसे पहले एयरलाइन के घाटे को कम करने के लिए 2 रास्तो पर कदम बढायेगी. पहला, एयर इंडिया को घाटे से उबरने के लिए सरकार एयर इंडिया की सब्सिडियरी को बेचेगी . इसमें एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड ( AIATSL ), एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेस लिमिटेड ( AIESL) और एयरलाइन के नाम पर मौजूद तमाम ज़मीनों को बेच कर पैसा जुटाएगी .
सरकार को उम्मीद है कि एयर इंडिया सब्सिडियरी और ज़मीन बेचने के इस कदम से 9000 करोड़ रुपये जुटाने में कामयाब हो सकेगी. एयर इंडिया पर फिलहाल 55000 करोड रुपए का कर्ज है. इस कर्ज़ को सरकार ने दो हिस्सों में बांटा है जिसमे एक बड़े हिस्से को SPV यानी स्पेशल पर्पस व्हीकल की तरफ डाइवर्ट किया है.
एयर इंडिया सब्सिडियरी बेचने से सरकार SPV के तकरीबन 29000 करोड़ रुपए के दबाव को झेलने में मदद मिलेगी. दूसरे कदम के तहत सरकार एयर इंडिया में ज़रूरत पड़ने पर समय समय पर पैसा भी लगाती रहेगी जिससे न केवल एयर इंडिया की वित्तीय हालात सुधरे, साथ ही एयरलाइन की यात्री सुविधाओं में भी सुधार और इजाफा हो सके .
सरकार को भरोसा है कि इन 2 कदमो के जरिये एयर इंडिया की स्थिति काफी बेहतर हो सकेगी और फिर इस साल ऑयर इंडिया को बेचने या विनिवेश की दुबारा कोशिश की जा सकती है. एविएशन सेक्टर में ही इसी साल सरकड मार्च तक पवन हंस में विनिवेश के लक्ष्य को हासिल करने का दावा कर रही है .पवन हंस हेलीकाप्टर सेवा में सरकार की 51 फीसदी की हिस्सेदारी है जबकि तेल कंपनी ONGC की बाकी बचीं 49% की हिस्सेदारी है.