दिवाली से पहले केंद्र सरकार ने बढ़ाई न्यूनतम मजदूरी, जानिए अब किसे कितना मिलेगा पैसा
Variable Dearness Allowance: सरकार की तरफ से मजदूरी की दरों को साल में दो बार रिवाइज किया जाता है. इस बढ़ोतरी के बाद सरकार ने कहा कि नई दरें बढ़ती महंगाई से निपटने में मजूदरों की मदद करेगी.
Minimum Wage Rates: दिवाली से पहले केंद्र सरकार की तरफ से असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लाखों मजदूरों को बड़ी राहत दी गई है. मजदूरों के लाइफस्टाइल को बेहतर करने के मकसद से सरकार ने श्रमिकों के लिए परिवर्तनशील महंगाई भत्ते में बदलाव कर न्यूनतम मजदूरी दर को बढ़ाकर 1,035 रुपये रोजाना तक करने की घोषणा की है. लेबर मिनिस्ट्री की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि इस कदम का मकसद मजदूरों का खर्च बढ़ने से पार पाने में मदद करना है. इस बदलाव के बाद निर्माण, साफ-सफाई, समान उतारने और चढ़ाने जैसे अकुशल काम में लगे श्रमिकों के लिए क्षेत्र ‘ए’ में न्यूनतम मजदूरी दर 783 रुपये रोजाना (20,358 रुपये प्रति माह) होगी.
1 अक्टूबर 2024 से होंगी नई दरें
इससे पहले दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने भी मजदूरों के हक में ऐसा ही फैसला लिया था. मिनिमम सैलरी की नई दर को 1 अक्टूबर 2024 से लागू किया जाएगा. अर्ध-कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी दर 868 रुपये प्रति दिन (22,568 रुपये प्रति माह) और कुशल, लिपिक तथा बिना हथियार वाले चौकीदार या गार्ड के लिए 954 रुपये प्रति दिन (24,804 रुपये प्रति माह) होगी. अत्यधिक कुशल और हथियारों के साथ चौकीदारी या गार्ड का काम करने वालों के लिए न्यूनतम वेतन दर 1,035 रुपये प्रतिदिन (26,910 रुपये प्रति माह) होगी.
VDA को संशोधित करके न्यूनतम मजदूरी में इजाफे का ऐलान
अंतिम संशोधन अप्रैल, 2024 में किया गया था. न्यूनतम मजदूरी दर को कौशल स्तर- अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल और अत्यधिक कुशल... के साथ-साथ जियोग्राफिकल एरिया... ए, बी और सी... के आधार पर कैटेगराइज्ड किया गया है. लेबर मिनिस्ट्री के बयान में कहा गया कि केंद्र सरकार ने श्रमिकों, विशेषकर असंगठित क्षेत्र के कामगारों को समर्थन देने के लिए अहम कदम के तहत परिवर्तनीय महंगाई भत्ते (VDA) को संशोधित करके न्यूनतम मजदूरी दर में इजाफे का ऐलान किया है. न्यूनतम मजदूरी दर के बारे में डिटेल्ड जानकारी चीफ लेबर कमिश्नर (केंद्रीय) की वेबसाइट...सीएलसी डॉट गाव डॉट इन पर मुहैया है.
हर साल दो बार तय होती है मजदूरी दर
औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में हर छह महीने की औसत वृद्धि के आधार पर केंद्र सरकार साल में दो बार वीडीए को रिवाइज करती है. पहला रिवीजन 1 अप्रैल और दूसरा 1 अक्टूबर से प्रभावी किया जाता है. इससे पहले दिल्ली की सीएम आतिशी ने अनआर्गनाइज्ड सेक्टर के मजदूरों के लिए 18066 रुपये, अर्ध-कुशल के लिए 19929 रुपये और कुशल श्रमिकों के लिए 21917 रुपये न्यूनतम वेतन का ऐलान किया था. दिल्ली की मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद आतिशी ने कहा था आप सरकार ने शहरी मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन लागू किया है. यह देश मं सबसे ज्यादा है. (इनपुट भाषा से भी)