MRF Tyres: देश की टायर कंपनी ने रच दिया इतिहास, कभी गुब्बारे बनाने से हुई थी शुरुआत
MRF shrare price: MRF कंपनी की शुरुआत साल 1940 में हुई थी. उस समय पर कंपनी ने सिर्फ 14,000 रुपये की फंडिग के साथ में रबर बैलून फैक्ट्री की शुरुआत की थी. कंपनी का स्टॉक 1 लाख रुपये के भी पार निकल गया है. ये देश का पहला स्टॉक है, जिसने एक लाख रुपये (1 Lakh Per Share) के आंकड़े को छुआ है.
MRF Success Story: MRF कंपनी के बारे में तो सभी जानते होंगे... कभी इस कंपनी की शुरुआत एक छोटे से शेड में गुब्बारा (Ballon) बनाने से हुई थी. उस समय पर किसी को भी इस बात का अंदाजा तक नहीं था कि यह गुब्बारे बनाने वाली कंपनी आगे चलकर टायर बनाने का एक पॉवरफुल ब्रांड बन जाएगी. आजकल कंपनी के शेयर्स मार्केट में धमाल मचा रहे हैं. कंपनी का स्टॉक 1 लाख रुपये के भी पार निकल गया है. ये देश का पहला स्टॉक है, जिसने एक लाख रुपये (1 Lakh Per Share) के आंकड़े को छुआ है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर कैसे इस कंपनी की शुरुआत हुई थी-
1940 में हुई थी कंपनी की शुरुआत
MRF कंपनी की शुरुआत साल 1940 में हुई थी. उस समय पर कंपनी ने सिर्फ 14,000 रुपये की फंडिग के साथ में रबर बैलून फैक्ट्री की शुरुआत की थी. इसके बाद में साल 1949 में कंपनी ने लेटेक्स कास्ट टॉयज, ग्लव्स और कॉन्ट्रासेप्टिव्स बनाने का कारोबार शुरू कर दिया था.
4 साल में कंपनी का मार्केट शेयर 50 फीसदी पहुंचा
1952 में कंपनी ने रबर की मैन्युफैक्चरिंग करने की शुरुआत कर दी थी. इस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को शुरू करने के सिर्फ 4 साल के बाद में MRF का स्टॉक 50 फीसदी के मार्केट शेयर के साथ इंडिया के रबर मार्केट का लीडर बन गया था. इसके बाद में साल 1961 में कंपनी MRF देश की एक पब्लिक कंपनी बन गई थी.
1964 में लगाना शुरू किए कई शहरों में प्लांट
इसके बाद 1964 में कंपनी ने देश के कई शहरों में प्लांट ओपन करना शुरू कर दिया था, जिसके बाद में कंपनी ने कोट्टायम, अरक्कोनम और गोवा समेत कई शहरों में नए प्लांट लगाए.
स्पोर्ट्स सेंगमेंट में भी है बड़ा नाम
1988 में कंपनी ने स्पोर्ट्स सेंगमेंट में एंट्री की थी, जिसके बाद में कई बड़े क्रिकेटर ने इसका प्रमोशन भी किया था. साल 1989 में एमआरएफ ने दुनिया के सबसे बड़े खिलौना निर्माता कंपनी हैस्ब्रो इंटरनेशनल यूएसए के साथ गठबंधन किया और फनस्कूल इंडिया लॉन्च किया.
कितना है कंपनी का टर्नओवर?
इसके अलावा साल 2011 में कंपनी ने साल 2011 में अंकनपल्ली (आंध्र प्रदेश) में सातवां और त्रिची (तमिलनाडु) में 8वां प्लांट शुरू किया था. कंपनी के टर्नओवर की बात की जाए तो वह करीब अब बढ़कर 2 बिलियन डॉलर के आसपास पहुंच गया है. साल 2015 में MRF का नाम फोर्ब्स की टॉप 50 बेस्ट इंडियन कंपनियों में शामिल हुआ.