Anil Ambani: हाईकोर्ट से राहत म‍िलने के बाद फ‍िर बढ़ी अन‍िल अंबानी की मुश्‍क‍िलें, SEBI ने लगाया जुर्माना
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Anil Ambani: हाईकोर्ट से राहत म‍िलने के बाद फ‍िर बढ़ी अन‍िल अंबानी की मुश्‍क‍िलें, SEBI ने लगाया जुर्माना

SEBI: यह आदेश रेग्‍युलेटर और शेयर बाजारों, एनएसई व बीएसई द्वारा सेबी-रज‍िस्‍टर्ड शेयर ब्रोकर रिलायंस सिक्योरिटीज लिमिटेड (RSL) के अधिकृत व्यक्तियों के खातों, रिकॉर्ड और अन्य दस्तावेजों की विषयगत ऑनसाइट जांच के बाद आया है.

Anil Ambani: हाईकोर्ट से राहत म‍िलने के बाद फ‍िर बढ़ी अन‍िल अंबानी की मुश्‍क‍िलें, SEBI ने लगाया जुर्माना

Sebi Fines on Anil Ambani: अन‍िल अंबानी की मुश्‍क‍िलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं. प‍िछले द‍िनों द‍िल्‍ली हाईकोर्ट ने उनकी कंपनी र‍िलायंस पावर पर लगे बैन को हटा द‍िया तो अब उन्‍हें नई मुसीबत ने घेर ल‍िया. अब मार्केट रेग्‍युलेटर सेबी (SEBI) ने बाजार न‍ियमों के साथ-साथ शेयर ब्रोकरों के नियमों का उल्लंघन करने के लिए रिलायंस सिक्योरिटीज पर नौ लाख रुपये की पेनाल्‍टी लगाई है. यह आदेश रेग्‍युलेटर और शेयर बाजारों, एनएसई व बीएसई द्वारा सेबी-रज‍िस्‍टर्ड शेयर ब्रोकर रिलायंस सिक्योरिटीज लिमिटेड (RSL) के अधिकृत व्यक्तियों के खातों, रिकॉर्ड और अन्य दस्तावेजों की विषयगत ऑनसाइट जांच के बाद आया है.

अगस्त में जारी क‍िया था कारण बताओ नोट‍िस

यह निरीक्षण यह पता लगाने के लिए की गई थी क‍ि क्या शेयर ब्रोकर नियमों, एनएसईआईएल मार्केट पूंजी बाजार विनियमों और एनएसई फ्यूचर एंड ऑप्‍शन ब‍िजनेस मानदंडों के प्रावधान के बारे में आरएसएल (RSL) की तरफ से अपेक्षित तरीके से इनका रखरखाव किया जा रहा है. यह निरीक्षण अप्रैल, 2022 से दिसंबर, 2023 की अवधि के लिए किया गया था. निरीक्षण के न‍िष्‍कर्ष के अनुसार भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 23 अगस्त, 2024 को आरएसएल को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया.

47 पन्‍नों के आदेश में कई उल्लंघन पाए
सेबी ने 47 पन्‍नों के आदेश में आरएसएल (RSL) और उसके अधिकृत व्यक्तियों द्वारा किए गए कई उल्लंघन पाए. इनमें ग्राहक ऑर्डर नियोजन को रिकॉर्ड करने के लिए पर्याप्त तंत्र का रखरखाव नहीं करना, टर्मिनल स्थानों में विसंगतियां और अन्य ब्रोकरों के साथ शेयर क‍िये गए ऑफ‍िस में अलगाव की कमी शामिल है.

निरीक्षण में यह भी पाया गया कि आरएसएल अपने अधिकृत व्यक्तियों- जितेंद्र कंबाद और नैतिक शाह से जुड़े ऑफलाइन ग्राहकों के लिए आवश्यक ऑर्डर नियोजन रिकॉर्ड बनाए रखने में विफल रही. सेबी ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने और अनधिकृत कारोबारों को रोकने के लिए ब्रोकरों को ग्राहक ऑर्डर के सत्यापन योग्य साक्ष्य बनाए रखने का आदेश दिया है. (इनपुट भाषा से भी)

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