म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में तेजी बरकरार, साल 2024 में एसेट 17 लाख करोड़ रुपये बढ़ा
खुदरा निवेशकों के बीच बढ़ती पहुंच के साथ, इक्विटी फंड में प्रवाह, विशेष रूप से एसआईपी (SIP) के जरिये मजबूत रहने की संभावना है. म्यूचुअल फंड उद्योग संघ (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 में 9.14 लाख करोड़ रुपये का नेट फ्लो देखा गया.
Mutual Fund Industry: म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने 2023 में शानदार प्रदर्शन के बाद 2024 में अपनी ग्रोथ को बनाए रखा. 31 दिसंबर को खत्म हो रहे साल में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री संपत्ति में 17 लाख करोड़ रुपये की ग्रोथ दर्ज की गई. यह तेजी से बढ़ते शेयर मार्केट, मजबूत इकोनॉमिक ग्रोथ और निवेशकों की बढ़ती हिस्सेदारी से प्रेरित रहा. जानकारों का अनुमान है कि शेयर बाजार में निवेशकों का पॉजिटिव रुझान 2025 में भी जारी रहेगा. मॉर्निंगस्टार इनवेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एमडी अनुसंधान कौस्तुभ बेलापुरकर ने कहा, ‘2025 में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की एसेट में स्वस्थ गति से वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है.
2024 में 9.14 लाख करोड़ का नेट फ्लो देखा गया
खुदरा निवेशकों के बीच बढ़ती पहुंच के साथ, इक्विटी फंड में प्रवाह, विशेष रूप से एसआईपी (SIP) के जरिये मजबूत रहने की संभावना है. म्यूचुअल फंड उद्योग संघ (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 में 9.14 लाख करोड़ रुपये का नेट फ्लो देखा गया, साथ ही निवेशकों की संख्या में 5.6 करोड़ की वृद्धि हुई. एसआईपी (SIP) की लोकप्रियता बढ़ी, जिसने अकेले 2.4 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया. इस निवेश से इंडस्ट्री की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (AUM) बढ़कर नवंबर के अंत तक 68 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गईं, जो 2023 के अंत में दर्ज 50.78 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 33 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.
बजाज फिनसर्व एएमसी के सीईओ गणेश मोहन ने कहा, ‘फाइनेंशियलाइजेशन की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण शेयर बाजारों और म्यूचुअल फंड में भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जैसा कि म्यूचुअल फंड उद्योग में एयूएम की उल्लेखनीय वृद्धि में परिलक्षित होता है.’ उन्होंने कहा, ‘यह बदलाव इंडियन इकोनॉमी के विस्तार और खुदरा निवेशकों के बीच बढ़ती वित्तीय जागरूकता से समर्थित है, जो कम लागत और अधिक सुविधा के साथ उच्च ‘रिटर्न’ की तलाश में हैं.’ इंडस्ट्री की 45 कंपनियों में 2024 (नवंबर तक) में 9.14 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जबकि पिछले साल 2.74 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ था.
भारी निवेश इक्विटी फंड, आर्बिट्रेज फंड और इंडेक्स फंड और विनिमय-व्यापार फंड (ETF) में निवेशकों की निरंतर रुचि के दम पर मुमकिन हो पाया. मोतीलाल ओसवाल एएमसी के सीबीओ अखिल चतुर्वेदी ने कहा, ‘बचत के तरीके में संरचनात्मक बदलाव से इक्विटी फंड में एसआईपी के जरिये निवेश प्रमुख भारतीय निवेशकों के लिए निवेश का स्वाभाविक स्वरूप बन गया है....’ आर्थिक अनिश्चितताओं, भू-राजनीतिक तनावों और कराधान मानदंडों में बदलाव के बीच निवेशकों द्वारा सुरक्षा की तलाश में सोने में निवेश में भी तेजी आई और 9,500 करोड़ रुपये का निवेश हुआ. (इनपुट भाषा)