ऑडिटर की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2022 तक इन जमीनों पर कोई इंडस्ट्रियल यूनिट चालू नहीं हुई. अन्य कैटेगरी में आवंटित भूमि का भी यही हाल है. उन्होंने लोगों को इंटरव्यू के आधार पर जमीन दी, बजाय इसके कि कोई निश्चित नियम और शर्तें तय की जातीं.
Trending Photos
Yamuna Expressway: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने 2013 से 2021 के बीच 24.6 मिलियन वर्ग मीटर के 2,428 इंडस्ट्रियल प्लॉट का आवंटन किया. लेकिन कैग (CAG) की रिपोर्ट से सामने आया है कि इनमें से महज 453 प्लॉट की ही रजिस्ट्री हुई है. चौंकाने वाली बात यह है कि 81% आवंटियों को कब्जा नहीं मिला. जिन लोगों को जमीन का मालिकाना हक मिल गया, उनमें से भी ज्यादातर ने कोई कारखाना या उद्योग नहीं लगाया. ऑडिटर की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2022 तक इन जमीनों पर कोई इंडस्ट्रियल यूनिट चालू नहीं हुई. अन्य कैटेगरी में आवंटित भूमि का भी यही हाल है.
23,832 प्लॉट की अब तक लीज डीड ही नहीं बनी
CAG ने पाया कि 2008-09 से 2020-21 के बीच YEIDA क्षेत्र में 30,675 प्लॉट का आवंटन किया. इनमें इंडस्ट्रियल, इंस्टीट्यूशनल, मिक्स यूज, कमर्शियल और रेजिडेंशियल कैटेगरी शामिल रहीं. इनमें से 5% यानी 1,666 प्लॉट को कैंसिल कर दिया गया. बाकी 23,832 प्लॉट (82%) के लिए लीज डीड नहीं बनी है. ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया कि YEIDA ने जमीन आवंटन करते समय साफ-सुथरे प्रोसेस का पालन नहीं किया. उन्होंने लोगों को इंटरव्यू के आधार पर जमीन दी, बजाय इसके कि कोई निश्चित नियम और शर्तें तय की जातीं.
तकनीकी योग्यता का मूल्यांकन भी ठीक से नहीं किया गया
इसके अलावा, बड़े प्लॉट के लिए वित्तीय और तकनीकी योग्यता का मूल्यांकन भी ठीक से नहीं किया गया, जिससे और ज्यादा प्रॉब्लम हो गई. YEIDA ने जमीन का आवंटन किये जाने के बाद भी लीज डीड नहीं बनाई और लोगों को जमीन देने में देरी की. इस वजह से कई प्रोजेक्ट 12 साल तक देरी से शुरू हो पाए. CAG के अनुसार, YEIDA की इन कमियों के कारण 122 करोड़ रुपये का लीज रेंट का नुकसान हुआ. ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, 2000 वर्ग मीटर से बड़े इंडस्ट्रियल प्लॉट आवंटित करते समय इंटरव्यू पर बहुत ज्यादा निर्भरता रही.
इसका फायदा यह हुआ कि जमीन आवंटन करने वाली कमेटी को मनमाने तरीके से फैसले लेने की छूट मिल गई. ऑडिटर ने कहा कि स्थान शुल्क की नीतियों में भी अनियमितताएं पाई गईं, जिससे YEIDA के राजस्व को नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि प्रमुख सड़कों या हरे-भरे क्षेत्रों के पास स्थित प्लॉट के लिए हमेशा स्थान शुल्क नहीं लिया जाता था. इंडस्ट्रियल ग्रोथ का मकसद पूरा नहीं हुआ क्योंकि अप्रैल 2022 तक आवंटित किसी भी इंडस्ट्रियल प्लॉट पर कोई प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ.