Investment Tips: इंवेस्टमेंट के लिए लोग म्यूचुअल फंड में भी इंवेस्टमेंट करते हैं. म्यूचुअल फंड के जरिए लोग लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म के लिए इंवेस्टमेंट कर सकते हैं. वहीं म्यूचुअल फंड में जब भी कोई निवेशक इंवेस्ट करता है तो उसे एक फंड का चयन करना होता है और उस फंड के हिसाब से निवेशक इंवेस्टमेंट कर सकता है. म्यूचुअल फंड में इंवेस्ट करना बाजार जोखिमों के अधीन रहता है. हालांकि अब म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने वालों के लिए बड़ा अलर्ट सामने आया है और इसकी जानकारी भी निवेशकों को होनी चाहिए.


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सेबी


दरअसल, सेबी की ओर से निवेशकों के हित में लगातार फैसले लिए जाते रहे हैं. अब सेबी की ओर से एक बार फिर से अहम जानकारी दी गई है. सेबी की ओर से अब म्यूचुअल फंड को लेकर कदम उठाया गया है. बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड, उनकी परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) और न्यासियों की फोरेंसिक जांच के लिए कुछ संस्थाओं को लिस्ट किया है. इन संस्थाओं की संख्या 34 है.


फोरेंसिक जांच


जिन संस्थाओं को लिस्ट किया गया है उनकी जानकारी भी सेबी की ओर से दी गई है. सेबी की ओर से बताया गया है कि फोरेंसिक जांच के लिए ई एंड वाई, डेलॉयट टॉशे तोहमात्सु इंडिया और ग्रांट थॉर्नटन भारत सहित 34 संस्थाओं को लिस्ट किया है. ये संस्थाएं म्यूचुअल फंड, उनकी परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (AMC) और न्यासियों की फोरेंसिक जांच करेगी.


34 संस्थाएं


भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि केपीएमजी एश्योरेंस एंड कंसल्टिंग सर्विसेज, चोकशी एंड चोकशी, नांगिया एंड कंपनी और पिपारा एंड कंपनी अन्य लिस्टेड संस्थाओं में से हैं. बयान के अनुसार, पैनल में शामिल होने की अवधि 20 सितंबर 2023 से 19 सितंबर 2026 तक है. फरवरी में पूंजी बाजार नियामक के जरिए आमंत्रित रूचि पत्र (EOI) के जवाब में सभी आवेदनों के मूल्यांकन के बाद इन 34 संस्थाओं को सूचीबद्ध किया गया है. (इनपुट: भाषा)