नई दिल्ली : वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज (Jet Airways) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पिछले दिनों माना जा रहा था कि जेट एयरवेज के चेयरमैन पद से इस्तीफा देने के बाद नरेश गोयल एयरलाइन में हिस्सेदारी अधिग्रहण के लिए बोली लगा सकते हैं. लेकिन सूत्रों का कहना है कि जेट के पूर्व चेयरमैन और संस्थापक नरेश गोयल ने एयरलाइन में हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए बोली प्रक्रिया से खुद को अलग कर लिया है. गोयल ने बोली प्रक्रिया से अपना नाम वापस ले लिया है.


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जेट के रिवाइवल प्लान के लिए प्रतिबद्ध : पीएनबी
सूत्रों का यह भी दावा है कि जेट एयरवेज की अस्थायी तौर पर सभी उड़ानें रद्द हो सकती हैं. ऐसा कुछ दिन के लिए हो सकता है. दूसरी तरफ पीएनबी के एमडी और सीईओ सुनील मेहता ने कहा कि कर्जदार जेट एयरवेज के रिवाइवल प्लान के लिए प्रतिबद्ध हैं. आपको बता दें कि हालांकि रिवाइवल प्लान पर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है. इस बारे में अभी बातचीत चह रही है. एयरलाइन को आपातकालीन कर्ज देने के लिए कर्जदाता बैंकों की सोमवार को हुई मीटिंग में कोई फैसला नहीं हो सका था.



बैंकों से जेट को बर्बाद होने बचाने की अपील
इससे पहले जेट एयरवेज के पायलटों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बैंकों से जेट एयरवेज को बर्बाद होने बचाने की अपील की थी. जेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय दुबे ने आंतरिक नोट में कहा कि बैंक कंपनी को आपातकालीन कर्ज देने पर फैसला नहीं ले सके हैं और निदेशक मंडल आगे की चर्चा के लिए मंगलवार को बैठक करेंगे. दुबे ने कहा, 'जैसा कि आप जानते हैं कि हम अपने परिचालन कार्य के लिए बैंकों से पैसा मांग रहे हैं. अंतरिम कर्ज अभी नहीं मिला है. इस कारण हम अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 18 अप्रैल तक बंद रखेंगे.'


दुबे ने ई-मेल में कहा, 'ऋणदाताओं के साथ चल रही हमारी बातचीत की मौजूदा स्थिति और उससे जुड़े अन्य मामलों को मंगलवार को निदेशक मंडल के समक्ष रखा जाएगा. हम आपको सभी अहम घटनाक्रमों के बारे में जानकारी देते रहेंगे.'