Green Cement in India: भारत के कई ऐसे शहर है जहां प्रदूषण काफी ज्यादा मात्रा में है. प्रदूषण के कारण पर्यावरण को काफी नुकसान भी पहुंच रहा है. वहीं कुछ लोग प्रर्यावरण के बचाव के लिए कुछ भी नहीं करते हैं. हालांकि कुछ लोग पर्यावरण को बचाने के लिए कदम भी उठा रहे हैं.


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ग्रीन सीमेंट


प्रदूषण को बढ़ाने में उद्योग-धंधों का भी काफी योगदान रहा है. इनसे निकला प्रदूषण काफी घातक भी होता है. वहीं इसको देखते हुए नवरत्न ग्रुप ग्रीन सीमेंट लेकर आया है. नवरत्न ग्रीन सीमेंट इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड (एनजीसीआईपीएल) ग्रीन क्रेते लेकर आया है. इसमें जीरो कार्बन उत्सर्जन उत्पाद होने के अलावा एक सीमा मुक्त निर्माण सामग्री होने के गुण हैं.


गुणवत्ता


एनजीसीआईपीएल के 'ग्रीन क्रेते' प्रोडक्ट में गुणवत्ता से समझौता नहीं किया गया है. साथ ही इससे निर्माण की लागत में भी कमी आएगी. नवरत्न ग्रुप ऑफ कंपनीज के सीईओ हिमांश वर्मा ने इसके जरिए निर्माण उद्योग को भी पर्यावरण फ्रेंडली बनाने का सपना साकार किया है. 


दुनिया में संकट


हिमांश वर्मा का कहना है कि प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन ने दुनिया में एक संकट पैदा कर दिया है. इसे एक चुनौती के रूप में लेते हुए कंपनी के साथ काम करने वाले विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की टीम ने 'ग्रीन क्रेते' के रूप में अच्छा फॉर्मूला तैयार किया है. वर्मा ने यह भी कहा कि पर्यावरण के अनुकूल काम करते हुए वायु, जल और भूमि प्रदूषण की जांच करना और उसे कम करना समय की आवश्यकता है.


चलने वाला पोडक्ट


उन्होंने कहा कि ग्रीन सीमेंट अत्यधिक टिकाऊ और लंबे समय तक चलने वाला प्रोडक्ट है. इसके अलावा ग्रीन क्रेते में मजबूती, लचीलापन, स्थायित्व और दरार प्रतिरोध है, जो इसे पारंपरिक सीमेंट की तुलना में काफी बेहतर बनाता है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 'ग्रीन क्रेते' सामान्य सीमेंट की तुलना में ज्यादा समय तक चलता है, जो इसे विशाल संरचनाओं के निर्माण के लिए सबसे अच्छा विकल्प बनाता है.


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