Nestle India: रोजाना की जरूरत वाले सामाना (FMCG) बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया की तरफ से कहा गया स्विट्जरलैंड की हाल‍िया कार्रवाई के बाद हम पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हाल ही में स्विट्जरलैंड की तरफ से भारत को दिए गए एमएफएन (MFN) का दर्जा निलंबित करने का कंपनी पर कोई असर नहीं पड़ेगा. एफएमसीजी (FMCG) कंपनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया दोहरे टैक्‍सेशन बचाव एग्रीमेंट (DTAA) के तहत एमएफएन दर्जे का निलंबन भारत और स्विट्जरलैंड सरकार के बीच एक नीतिगत मुद्दा है. इसका सीधे तौर पर नेस्ले से कोई  संबंध नहीं है.


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11 दिसंबर को MFN का दर्जा वापस ल‍िया गया


नेस्ले इंडिया के पास मैगी, नेस्कैफे और किटकैट जैसे लोकप्रिय ब्रांड का स्वामित्व है. कंपनी पहले से ही सीमापार भुगतान पर ‘10 प्रतिशत ‘विदहोल्डिंग कर’ की कटौती’ कर रही है. स्विट्जरलैंड ने 11 दिसंबर को दोहरे टैक्‍सेशन से बचाव के लिए भारत के साथ हुए करार में ‘सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र’ (MFN) के प्रावधान को खत्‍म कर द‍िया था. स्विट्जरलैंड के वित्त मंत्रालय ने 11 दिसंबर को बयान में एमएफएन दर्जा वापस लेने की जानकारी देते हुए कहा था कि यह कदम भारत के सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल आए एक फैसले के बारे में उठाया गया है.


भारतीय कंपनियों की टैक्‍स देनदारियां बढ़ गई
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यद‍ि किसी देश के 'आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन' (OICD) में शामिल होने से पहले भारत सरकार ने उस देश के साथ टैक्‍स डील पर साइन क‍िए हैं तो एमएफएन प्रावधान अपने-आप लागू नहीं होता. इससे स्विट्जरलैंड में परिचालन करने वाली भारतीय कंपनियों की टैक्‍स देनदारियां बढ़ गई थीं. नेस्ले इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, ‘यह मामला नेस्ले से संबंधित नहीं है, बल्कि यह भारत और स्विट्जरलैंड के बीच नीतिगत मामला है. हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि नेस्ले इंडिया पहले ही 10 प्रतिशत ‘विदहोल्डिंग टैक्स’ की कटौती कर रही है और इसका हम पर क‍िसी तरह का असर नहीं पड़ेगा.’


नेस्ले इंडिया के यहां 9 कारखाने
स्विट्जरलैंड की एफएमसीजी कंपनी नेस्ले एसए के लिए भारत टॉप 10 मार्केट में से एक है, जहां यह 112 साल से परिचालन कर रही है. कंपनी अपनी मैन्‍युफैक्‍चर‍िंग क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय बाजार में 2020-2025 की अवधि में 6,000-6,500 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है. नेस्ले इंडिया यहां नौ कारखानों को ऑपरेट करती है. कंपनी ओडिशा में 10वां कारखाना स्थापित करने की प्रक्रिया में है. वित्त वर्ष 2023-24 में इसका राजस्व 24,393.9 करोड़ रुपये था. (इनपुट भाषा से भी)