GST Council Meeting: जीएसटी और इसके इम्‍पलीमेंटेशन को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया कि टैक्‍स स्‍ट्रक्‍चर को आसान करने की कोश‍िश जारी है. वित्त मंत्री सीतारमण ने जोर देकर कहा क‍ि जीएसटी काउंस‍िल की मीट‍िंग में ल‍िये गए फैसले एकतरफा नहीं होकर सभी राज्यों की सहमत‍ि से लिए गए हैं. सीतारमण ने तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की तरफ से लगाए गए भेदभाव के आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि राज्य को ज्‍यादा पैसा म‍िला है.


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1 रुपये के बदले 29 पैसे वापसी की बात कही


सीतारमण का यह बयान तब आया है जब द्रमुक की तरफ से कहा गया क‍ि तमिलनाडु की तरफ से केंद्र को दिए गए एक रुपया के मुकाबले राज्य को सिर्फ 29 पैसे ही वापस मिले हैं. सीतारमण ने मीड‍िया से बातचीत में कहा, 'तमिलनाडु के मंत्री भी जीएसटी काउंस‍िल के मेंबर हैं. जीएसटी काउंस‍िल में लिए गए सभी फैसले सर्वसम्मति से लिए गए हैं और असहमति को नजरअंदाज करके कोई फैसला नहीं लिया गया है.’


कोई भी मंत्री अकेले कोई फैसला नहीं ले सकता
उन्होंने कहा कि जीएसटी की सर्वोच्च इकाई जीएसटी काउंस‍िल की मीट‍िंग में कोई भी मंत्री अकेले कोई फैसला नहीं ले सकता है. उन्होंने कहा कि उनके पास वित्त आयोग की तरफ से अनुशंसित दर को बढ़ाने या घटाने का अधिकार तक नहीं है. केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, ‘यदि राज्य अधिक धनराशि चाहते हैं, तो उन्हें वित्त आयोग के सामने अपना पक्ष रखना चाहिए या अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए. सवाल यह है कि क्या आवंटन राशि में वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित राशि से एक रुपया भी कम था या वितरण में कोई देरी हुई थी?’


उन्होंने कहा कि राशि का अग्रिम वितरण किया जा रहा था. यह कहना गलत है कि तमिलनाडु जीएसटी के जर‍िये केंद्र को अधिक राजस्व का योगदान दे रहा है. उन्होंने तमिलनाडु सरकार के आरोपों के जवाब में कहा, ‘केंद्र को दिए गए राजस्व पर राज्यों को 50 प्रतिशत वापस मिलता है. इसके अलावा उन्हें केंद्र के हिस्से से 41 प्रतिशत मिलता है.’ (इनपुट भाषा से भी)