Crypto: क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई सारी धारणाएं बनी हुई है. कुछ देशों में क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन भी किया जा रहा है तो कुछ देशों में क्रिप्टोकरेंसी बैन भी है. इस बीच भारत में क्रिप्टोकरेंसी को मुद्रा के रूप में नहीं स्वीकार किया गया है. हालांकि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो के नियमन पर भारत की ओर से किसी तरह के कदम से पहले इसपर वैश्विक सहमति बनाने पर जोर दिया है.


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मिलकर करना होगा काम
वित्त मंत्री थिंकर्स फोरम, कर्नाटक के साथ संवाद के दौरान डिजिटल या क्रिप्टो मुद्रा के विनियम से संबंधित एक सवाल का जवाब दे रही थीं. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस पर वैश्विक खाका बनाना पड़ सकता है. सभी को मिलकर इस पर काम करना होगा, नहीं तो इसके विनियमन का कोई लाभ नहीं होगा. वित्त मंत्री ने हालांकि कहा कि इसका मतलब ‘वितरित बही-खाता प्रौद्योगिकी’ को नियंत्रित करना नहीं है.


क्रिप्टो पर ध्यान
सीतारमण ने कहा, “भारत की जी20 की अध्यक्षता में यह हमारा ही प्रस्ताव था. मुझे खुशी है कि जी20 ने इसे इस वर्ष के अपने एजेंडा में रखा है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने क्रिप्टो मुद्रा पर एक परिपत्र दिया है कि किस तरह से यह व्यापक आर्थिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है. जी20 द्वारा स्थापित वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी) एक रिपोर्ट देने के लिए सहमत हो गया है, जिसमें वित्तीय स्थिरता पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा.”


होगी बैठक
उन्होंने कहा, “एफएसबी की रिपोर्ट और आईएमएफ की रिपोर्ट पर जुलाई में जी20 के अंतर्गत वित्त मंत्रियों व केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक में चर्चा होगी. उसके बाद सितंबर में भारत में ही जी20 देशों के प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों की शिखर बैठक होगी.’’.


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