Nitin Gadkari on Electric Vehical: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने इलेक्ट्रिक व्हीकल की कॉस्ट (Electric Vehical costing) को लेकर बड़ी जानकारी दी है. मीडिया को दिए इंटरव्यू में खुद नितिन गडकरी ने इस बात का खुलासा किया है. देशभर में इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehical) को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से बड़ा फैसला लिया गया है, जिसके बाद पेट्रोल और इलेक्ट्रिक व्हीकल (Petrol and electric vehical) की कीमत एक बराबर हो जाएगी. 


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इस समय देश में हैं 50 लाख इलेक्ट्रिक व्हीकल
नितिन गडकरी ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा है कि देशभर में करीब 30 करोड़ ऑटोमोबाइल व्हीकल हैं. पर्यावरण के लिए यह बात अच्छी नहीं है. इस समय हर घर में 3 लोग और 5 गाड़ियां हैं. साथ ही हिंदुस्तान ऑटोमोबाइल ग्रोथ में तेजी से काम कर रहा है. अभी हमारे देश में करीब 50 लाख इलेक्ट्रिक व्हीकल हैं. ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी वो अधिकतम इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने पर जोर दे रहे हैं. टाटा भी इलेक्ट्रिक व्हीकल को आगे बढ़ा रही है. इस समय इलेक्ट्रिक ट्रक, इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और इलेक्ट्रिक बसें सबकुछ बहुत पॉपुलर हो रहा है. 


पेट्रोल गाड़ी चलाने के लिए खर्च होते हैं हर महीने 20,000 रुपये
इस समय हर गांव में करीब 5000 बसें हम दे रहे हैं. नितिन गडकरी ने कहा है कि आने वाले 2 सालों में पेट्रोल व्हीकल और इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमत सेम हो जाएगी. पेट्रोल गाड़ी को चलाने की कॉस्ट जहां 20,000 रुपये है. वहीं, इलेक्ट्रिक व्हीकल को चलाने की कॉस्ट पेट्रोल की तुलना में काफी 
कम है.  


बजट में नितिन गडकरी ने की थी ये मांग
नितिन गडकरी ने कहा कि हमने इस बार के बजट में पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से 2 मांगें की थी कि सरकारी गाड़ियां जो 15 साल पुरानी हैं उनको स्क्रैप किया जाए. इस समय करीब 9 लाख गाड़ियां भारत सरकार की स्क्रैप हो रही हैं. साथ ही राज्य सरकार की गाड़ियों की बात की जाए तो करीब 50 लाख गाड़ियां स्क्रैप की जाएंगी. इसके साथ ही प्राइवेट व्हीकल भी स्क्रैप होंगे. नितिन गडकरी ने आगे कहा कि पर्यावरण मंत्रालय को आग्रह किया है कि पुराने जो भी टायर हैं उनको इंपोर्ट करने की परमिशन दी है. 


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