UPI Rule Change: RBI की ओर से जारी सर्कुलर के अनुसार, केवल फुल-KYC वाले PPIs को UPI पेमेंट्स के लिए लिंक करने की अनुमति दी जाएगी. PPI से शुरू होने वाले UPI ट्रांजैक्शन को पहले ग्राहक के मौजूदा PPI क्रेडेंशियल्स के जरिए वेरिफाई किया जाएगा.
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RBI: डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बड़ा फैसला लिया है. अब थर्ड पार्टी UPI ऐप्स के जरिए प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPIs) का इस्तेमाल कर पेमेंट करना संभव होगा. केंद्रीय बैंक ने दावा किया है कि इस बदलाव से डिजिटल पेमेंट्स इकोसिस्टम में इंटरऑपरेबिलिटी को बढ़ावा मिलेगा.
क्या हैं प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPIs)?
प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स एक ऐसा सिस्टम है जिसमें यूजर्स आगामी लेन-देन के लिए फंड्स को कार्ड या डिजिटल वॉलेट में सेव कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल आमतौर पर सब्सक्रिप्शन लेने और और रेमिटेंस के लिए किया जाता है. RBI का यह नया नियम PPIs को UPI इकोसिस्टम से जोड़ता है. UPI भारत का सबसे मजबूत डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म है.
क्या है नया UPI नियम?
पहले, PPIs जैसे डिजिटल वॉलेट्स, गिफ्ट कार्ड्स और मेट्रो कार्ड्स का उपयोग केवल उनके संबंधित ऐप्स के जरिए ही किया जा सकता था. लेकिन अब, फुल-KYC (Know Your Customer) वाले PPI होल्डर्स अपने इंस्ट्रूमेंट्स को Google Pay, PhonePe, Paytm और BHIM जैसे लोकप्रिय UPI ऐप्स से लिंक कर सकते हैं, जैसे बैंक अकाउंट्स को लिंक किया जाता है.
RBI की ओर से जारी सर्कुलर के अनुसार, केवल फुल-KYC वाले PPIs को UPI पेमेंट्स के लिए लिंक करने की अनुमति दी जाएगी. PPI से शुरू होने वाले UPI ट्रांजैक्शन को पहले ग्राहक के मौजूदा PPI क्रेडेंशियल्स के जरिए वेरिफाई किया जाएगा. यह प्री-अथॉराइजेशन प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि ट्रांजैक्शन को UPI सिस्टम में सेट करने से पहले वेरिफाई किया गया है.
डिजिटल पेमेंट्स को और सुविधाजनक बनाएगा
RBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि PPI इश्यूर्स, पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर की भूमिका में, किसी अन्य बैंक या PPI इश्यूर्स के ग्राहकों को ऑनबोर्ड नहीं कर सकते. यह कदम संभावित हितों के टकराव को रोकने और एक स्पष्ट नियम बनाए रखने के लिए उठाया गया है. यह बदलाव न केवल डिजिटल पेमेंट्स को और सुविधाजनक बनाएगा बल्कि UPI को और मजबूत बनाकर डिजिटल इंडिया मिशन को नई ऊंचाई देगा.