Urban Extension Road: केंद्रीय मंत्री गडकरी ने की ऐसी घोषणा, सुनकर खुशी से झूमेंगे दिल्ली में आने वाले यात्री
NHAI: राष्ट्रीय राजधानी की तीसरी रिंग रोड को पांच चरणों में विकसित करने का प्रस्ताव है. गडकरी ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, सांसद हंस राज हंस, प्रवेश साहिब सिंह वर्मा और अन्य उच्च अधिकारियों के साथ शहरी विस्तार सड़क परियोजना (UER-सेकेंड) की प्रगति का निरीक्षण किया.
National Highways Authority of India: राष्ट्रीय राजधानी में भीड़भाड़ कम करने की योजना के तहत 7,716 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बन रही शहरी विस्तार सड़क परियोजना (UER-2) को इस साल सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी. राष्ट्रीय राजधानी की तीसरी रिंग रोड को पांच चरणों में विकसित करने का प्रस्ताव है. गडकरी ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, सांसद हंस राज हंस, प्रवेश साहिब सिंह वर्मा और अन्य उच्च अधिकारियों के साथ शहरी विस्तार सड़क परियोजना (UER-सेकेंड) की प्रगति का निरीक्षण किया.
गडकरी ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘हम दिल्ली की भीड़भाड़ कम करने की योजना के तहत यूईआर-द्वितीय विकसित कर रहे हैं. परियोजना में 7,716 करोड़ रुपये की लागत के साथ पांच अलग-अलग पैकेज में यूईआर-द्वितीय का निर्माण करना शामिल है.’ उन्होंने कहा, ‘...यूईआर दो परियोजना का 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. परियोजना पूरी हो जाएगी और अगले छह महीनों में इसका उद्घाटन किया जाएगा.’ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि इस परियोजना के तहत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) गाजीपुर लैंडफिल से प्राप्त 20 लाख टन प्लास्टिक कचरे का उपयोग कर रहा है.
राष्ट्रीय राजमार्ग - 344 एम (पैकेज 1-3) दिल्ली में एक अतिरिक्त पश्चिमी रिंग रोड के रूप में काम करेगा, जो इंदिरागांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए यात्रा की अवधि 2 घंटे से घटाकर 20 मिनट कर देगा. इससे राष्ट्रीय राजमार्ग - 44, चंडीगढ़, पंजाब और जम्मू-कश्मीर की ओर पश्चिम/दक्षिण दिल्ली और गुड़गांव से जाने वाले यातायात के लिए एक वैकल्पिक मार्ग मिलेगा. यह द्वारका में प्रस्तावित आईआईसीसी से भी जुड़ता है, जिससे दिल्ली में यातायात में सुधार होगा.
गडकरी ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 8 के दिल्ली-जयपुर खंड पर मरम्मत का काम चल रहा है. मंत्री ने कहा, जहां तक दिल्ली का संबंध है, राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए 60,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं लागू की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के दिल्ली-जयपुर खंड पर इलेक्ट्रिक ट्रकों और बसों को चलाने के लिए एक अलग लेन बनाने की भी योजना है. (Input : PTI)