नई दिल्ली: आर्थिक मंदी के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने फिलहाल मौजूदा वित्तीय वर्ष में रेपो रेट को नहीं बदलने के फैसला किया है. RBI ने पिछले दो दिन चले समीक्षा बैठक में अपने अंतिम मौद्रिक नीति का ऐलान किया है. आज आरबीआई ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो में कोई भी बदलाव नहीं करने की बात कही है. Repo रेट 5.15 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 4.90 फीसदी पर बरकरार रहेगा. पॉलिसी के एलान के बाद शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों निफ्टी और सेंसेक्स में उछाल देखने को मिल रहा है.


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रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश में आर्थिक गतिविधियां धीमी हैं. वृद्धि दर की तुलना में मुद्रास्फिति की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट को इसी अवस्था में बरकरार रखने का फैसला किया है. रिजर्व बैंक ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति के सभी 6 सदस्यों ने रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का मन बनाया है.


आर्थिक वृद्धि दर 2020-21 में 6 फीसदी रहने का अनुमान
गवर्नर ने कहा है कि मौजूदा रफ्तार को देखते हुए आरबीआई ने अनुमान लगाया है कि आर्थिक वृद्धि की दर 2020-21 में 6 प्रतिशत रहेगी. रिजर्व बैंक का मानना है कि निकट भविष्य में मुद्रास्फीति के उच्च बने रहने की संभावना है. बताते चलें कि केंद्रीय बैंक ने पहली छमाही में खुदरा महंगाई दर का अनुमान बढ़ाकर 5 से 5.4 प्रतिशत कर दिया है. आरबीआई का कहना है कि खाने-पीने की वस्तुएं महंगी होने की वजह से दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 7.35 पर पहुंच गई है. 


उल्लेखनीय है कि 2020 में आरबीआई की ये पहली मौद्रिक नीति है. मौजूदा जीडीपी 6 प्रतिशत ने निचले स्तर पर है. केंद्रीय बैंक ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में पांच बार ब्याज दरों में कटौती की थी.


पॉलिसी की खास बातें...


  • ग्रोथ को बढ़ाने के रेपो रेट के अलावा और भी कई विकल्प

  • सरकारी खर्च से ग्रोथ को मदद

  • आज के फैसले को भविष्य के फैसले से नहीं जोड़ना चाहिए

  • Q4 FY20 में मैन्युफेक्चरिंग में सुधार की उम्मीद

  • दिसंबर से ग्लोबल ग्रोथ में स्लोडाउन

  • आने वाले महीनों में प्याज की कीमतें कम होंगी

  • प्याज को छोड़कर, दिसंबर में CPI महंगाई दर 5.2%

  • स्लोडाउन से निपटने के लिए कई अहम कदम संभव

  • पॉवर, सीमेंट और एविएशन के बजट प्रस्तावों से फायदा

  • 15 फरवरी से 1 और 3 साल के लिए टर्म रेपो