नई दिल्ली : प्रमुख इंटरनेट कंपनी गूगल बड़े गुब्बारों का इस्तेमाल करते हुए इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने की प्रायोगिक परियोजना पर सरकार के साथ काम कर रही है।


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गूगल अब देश में बैलून्स के जरिए इंटरनेट फैसिलिटी मुहैया कराएगा। सूत्रों के अनुसार, मोदी सरकार ने गूगल के लून प्रोजेक्ट के पायलट फेज को मंजूरी दे दी है। प्रोजेक्ट लून में गांवों को फोकस किया जाएगा जहां गूगल जमीन से 20 किलोमीटर की ऊंचाई पर बैलून्स रखेगा। ये बैलून्स 40 से 80 किमी के एरिया में इंटरनेट फैसिलिटी देंगे। बताया जा रहा है कि टेस्टिंग के शुरूआती दौर के लिए गूगल बीएसएनएल से हाथ मिला चुका है।


गूगल इस ‘प्रोजेक्ट लून’ के तहत इंटरनेट सेवाओं के ट्रांसमिशन के लिए धरातल से 20 किलोमीटर की उंचाई पर बड़े गुब्बारे छोड़ती है। इस प्रौद्योगिकी का न्यूजीलैंड, कैलिफोर्निया (अमेरिका) व ब्राजील में पहले ही परीक्षण किया जा चुका है।


आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गूगल ने लून प्रोजेक्ट व ड्रोन आधारित इंटरनेट ट्रांसमिशन के लिए सरकार से संपर्क किया है। सरकार ने फिलहाल तो केवल लून परियोजना के परीक्षण की मंजूरी दी है। इस पर काम करने के लिए डीईआईटीवाई के सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। गूगल इस प्रौद्योगिकी के परीक्षण के लिए शुरू में बीएसएनएल से भागीदारी कर सकती है। गूगल के प्रवक्ता ने इस बारे में संपर्क करने पर किसी टिप्पणी से इनकार किया। सूत्रों ने कहा कि इस परियोजना में गूगल प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता के रूप में काम कर सकती है न कि इंटरनेट सेवा प्रदाता के रूप में।  (एजेंसी इनपुट के साथ)