एक तकनीकी खराबी से NSE की CEO बन गईं थीं चित्रा रामकृष्ण, यूं रातोंरात पलटी किस्मत
NSE Scam : भारत के शीर्ष शेयर बाजार एनएसई (NSE) की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramakrishnan) ने आठ साल पहले कहा था कि तकनीक एक ऐसा शेर है, जिस पर हर कोई सवार है.
नई दिल्ली : NSE Scam : भारत के शीर्ष शेयर बाजार एनएसई (NSE) की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramakrishnan) ने आठ साल पहले कहा था कि तकनीक एक ऐसा शेर है, जिस पर हर कोई सवार है. उस समय, वह खुद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के शीर्ष पद पर तैनात थीं.
...जब 100 साल पुराने BSE को पछाड़ा
एनएसई ने 1994 में शुरुआत के एक साल के अंदर ही देश के सबसे बड़े शेयर बाजार के रूप में 100 साल पुराने बीएसई (BSE) को पछाड़ दिया था. एनएसई के परिष्कृत एल्गोरिद्म आधारित सुपरफास्ट ट्रेडिंग में टेक्निकल प्रॉब्लम आने से शेयर कारोबार की दुनिया में रामकृष्ण को एनएसई के शीर्ष पद पर आने का मौका मिला था.
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खाक हो गए थे 10 लाख करोड़
एनएसई में 5 अक्टूबर 2012 की सुबह आई इस तकनीकी खराबी से निवेशकों के लगभग 10 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए थे. इसके बाद एनएसई के तत्कालीन सीईओ रवि नारायण को पद छोड़ना पड़ा और कुछ महीने बाद, 13 अप्रैल 2013 को एनएसई की कमान औपचारिक रूप से चित्रा रामकृष्ण को सौंप दी गई.
मामले की तह तक जाने के निर्देश
अब 59 वर्षीय रामकृष्ण एक अजीबोगरीब घोटाले के केंद्र में हैं, जब बाजार नियामक SEBI की जांच में यह पता चला कि एक्सचेंज के प्रमुख व्यावसायिक निर्णय लेने में उन्हें एक रहस्यमय हिमालयी योगी निर्देश दे रहे थे. कई लोगों का कहना है अब वक्त आ गया है कि इस प्रतिष्ठित संस्थान की गहरी सफाई की जाए और सरकार की तरफ से सभी नियामक, प्रवर्तन एजेंसियों और जांच एजेंसियों को इस मामले की तह तक जाने के निर्देश दिए गए हैं.
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फायदे के लिए खामियों को पैदा करने का शक
जांच सिर्फ योगी की पहचान सुनिश्चित करने तक ही सीमित नहीं है बल्कि बोर्ड, नियामक और सरकार सहित विभिन्न स्तरों पर चूक के कारणों का भी पता लगाया जा रहा है. एक पूर्व नियामक ने कहा कि ऐसा लगता है कि शीर्ष सरकारी अधिकारियों और एक्सचेंज में शामिल कुछ कॉरपोरेट अधिकारियों की एक मंडली ने अपने निजी फायदे के लिए विभिन्न खामियों को पैदा किया और उसका फायदा उठाया.