India Trade: सोने के आयात में रिकॉर्ड उछाल के कारण देश का व्यापार घाटा बढ़कर 37.84 अरब डॉलर के अबतक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. निर्यात के मोर्चे पर समीक्षाधीन महीने में तेल खली, लौह अयस्क, कोयला, रत्न एवं आभूषण, रसायन और हस्तशिल्प में गिरावट दर्ज की गई.
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India's Export Data: देश से वस्तुओं का निर्यात नवंबर में सालाना आधार पर 4.85 प्रतिशत घटकर 32.11 अरब डॉलर रह गया है. वहीं सोने के आयात में रिकॉर्ड उछाल के कारण व्यापार घाटा बढ़कर 37.84 अरब डॉलर के अबतक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया.
वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर महीने में वनस्पति तेल, उर्वरक और चांदी की आवक अधिक रहने से आयात सालाना आधार पर 27 प्रतिशत बढ़कर 69.95 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया.
समीक्षाधीन माह में 14.8 अरब डॉलर मूल्य के सोने का आयात किया गया जो अबतक सर्वाधिक आंकड़ा है. एक साल पहले नवंबर, 2023 में स्वर्ण आयात 3.5 अरब डॉलर रहा था. कुल मिलाकर, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान देश का निर्यात 2.17 प्रतिशत बढ़कर 284.31 अरब डॉलर हो गया जबकि आयात 8.35 प्रतिशत बढ़कर 486.73 अरब डॉलर पहुंच गया.
पेट्रोलियम कीमतों का दिखा असर
इस तरह अप्रैल-नवंबर, 2024 के दौरान के दौरान निर्यात एवं आयात के बीच का अंतर यानी व्यापार घाटा बढ़कर 202.42 अरब डॉलर हो गया. साल भर पहले की समान अवधि में यह 170.98 अरब डॉलर था. वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने इन आंकड़ों पर कहा कि पेट्रोलियम कीमतों में उतार-चढ़ाव से निर्यात पर असर देखा जा रहा है. पिछले महीने पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात लगभग 50 प्रतिशत गिरकर 3.71 अरब डॉलर रह गया.
चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में भी पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 19 प्रतिशत घटकर 44.6 अरब डॉलर रह गया. हालांकि, बर्थवाल ने कहा कि गैर-तेल निर्यात में अब भी अच्छी वृद्धि दर्ज की जा रही है और सेवा क्षेत्र को मिलाकर वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक कुल निर्यात 800 अरब डॉलर के पार ले जाने में इससे मदद मिलेगी. वाणिज्य सचिव ने व्यापार घाटा और आयात का आंकड़ा बढ़ने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि किसी को इसके बारे में चिंतित नहीं होना चाहिए क्योंकि देश बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘इस वजह से आयात के लिए हमारी मांग अधिक होगी. जब तक हमारा निर्यात और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ रहे हैं, वे हमारे आयात को वित्तपोषित करेंगे.’’ उन्होंने यह भी कहा कि वाणिज्य मंत्रालय निर्यात को और बढ़ावा देने के लिए 20 देशों और सूचना प्रौद्योगिकी एवं संबद्ध सेवाओं जैसी छह सेवाओं और विनिर्माण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
20 देशों के साथ संपर्क में भारत सरकार
इन 20 देशों में निर्यात बढ़ाने की बहुत संभावना है और इसका लाभ उठाने के लिए मंत्रालय विदेशों में भारतीय दूतावासों के संपर्क में है. बर्थवाल ने कहा, ‘‘मंत्रालय अगले साल जनवरी में इन दूतावासों के साथ एक बैठक बुला रहा है और हम 20 देशों में निर्यात में सुधार करने के तरीके पर एक रणनीति तैयार करेंगे.’’ अनुमान है कि नवंबर, 2024 में देश से सेवाओं का निर्यात बढ़कर 35.67 अरब डॉलर हो गया जबकि नवंबर, 2023 में यह 28.11 अरब डॉलर था.
अक्टूबर, 2024 में यह निर्यात 34.31 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था. पिछले महीने कच्चे तेल का आयात 7.9 प्रतिशत बढ़कर 16.11 अरब डॉलर हो गया. निर्यात के मोर्चे पर समीक्षाधीन महीने में तेल खली, लौह अयस्क, कोयला, रत्न एवं आभूषण, रसायन और हस्तशिल्प में गिरावट दर्ज की गई. हालांकि, इंजीनियरिंग सामान, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स, दवा और मसालों का निर्यात बढ़ा है.
(इनपुट- भाषा)