Stock Market: शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए खुशखबरी, NSE ने 1 अप्रैल से बदला यह नियम
NSE Transaction Charges: 1 जनवरी 2021 से बाजार की अनिवार्यता को देखते हुए एनएसई इन्वेस्टर प्रोटेक्शन फंड ट्रस्ट (NSE IPFT) कॉर्पस को आंशिक रूप से बढ़ाने के लिए लगाया गया था.
Share Market Tips: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने एक अप्रैल से कैश इक्विटी और फ्यूचर एंड ऑप्शन (Future & Option) सेग्मेंट में लेनदेन शुल्क में 6 प्रतिशत की वृद्धि को वापस लेने का फैसला किया है. अतिरिक्त शुल्क 1 जनवरी, 2021 को प्रभावी किया गया था. उस समय बाजार की अनिवार्यताओं को देखते हुए एनएसई इन्वेस्टर प्रोटेक्शन फंड ट्रस्ट (NSE IPFT) कॉर्पस को आंशिक रूप से बढ़ाने के लिए लगाया गया था. एनएसई की तरफ से बयान में कहा कि उसके निदेशक मंडल ने बीते लेनदेन शुल्क में 6 प्रतिशत की वृद्धि को वापस लेने का फैसला किया है.
एक मई, 2023 से लागू होगा सेबी का सर्कुलर
इससे पहले सेबी ने कहा कि म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए यूज किए जाने वाले डिजिटल वॉलेट को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के 'अपने ग्राहक को जानो' (KYC) के अनुकूल होना चाहिए. मार्केट रेग्युलेटर ने अपने सर्कुलर में कहा कि इस प्रावधान को एक मई, 2023 से लागू किया जाएगा. यदि आपके डिजिटल वॉलेट का अभी तक केवाईसी (KYC) नहीं हुआ है तो जल्द से जल्द इस काम को करा लें.
आपको बता दें सेबी (SEBI) ने 8 मई, 2017 को युवा निवेशकों को ध्यान में रखते हुए नियमों में कुछ छूट दी थी. सेबी की तरफ से जारी इस सर्कुलर के अनुसार युवा निवेशकों को म्यूचुअल फंड में 50,000 रुपये तक ई-वॉलेट के जरिये निवेश करने की अनुमति दी गई थी. यह कदम म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और सेविंग को पूंजी बाजार में लाने के प्रयासों का भी हिस्सा था. इस बदलाव के बाद म्यूचुअल फंड के निवेशकों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा था.
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