नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के 5 साल के कार्यकाल के दौरान प्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या दोगुनी होकर 7.6 करोड़ पर पहुंचने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि इस दिशा में सरकार ने कई कदम उठाए हैं जिससे करदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई है. इनमें कर ढांचे को तर्कसंगत बनाना, दरों में कमी और कालेधन पर अंकुश लगाने के उपाय शामिल हैं.


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कैग की तरफ से आयोजित सम्मेलन में बोले
उन्होंने कहा, 'यदि हम प्रत्यक्ष कर विभाग के कामकाज को देखें, कई कारकों मसलन कड़े अनुपालन, कर ढांचे को तर्कसंगत बनाने, सबसे निचले स्लैब को कम करना आदि उपायों से हर साल कर संग्रहण 15 से 20 प्रतिशत बढ़ रहा है.' वित्त मंत्री ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) द्वारा आयोजित महालेखाकारों के 29वें सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही.


2014 में करदाताओं की संख्या 3.8 करोड़ थी
जेटली ने कहा मोदी सरकार ने मई 2014 में देश की बागडोर संभाली थी. उस समय प्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या 3.8 करोड़ थी. जेटली ने कहा, 'चार साल पहले जब हमने कार्यभार संभाला था भारत में कर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 3.80 करोड़ थी. यह पिछले साल तक 6.86 करोड़ पर पहुंच गई. हमारे कार्यकाल के पांचवें साल के अंत तक मुझे उम्मीद है कि यह आंकड़ा 7.6 करोड़ या 7.5 करोड़ तक पहुंच जाएगा. इसका मतलब है कि हमारे पांच साल के कार्यकाल में कर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या दोगुनी हो जाएगी.'


उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों मसलन कालेधन पर अंकुश के उपाय, अर्थव्यवस्था की विभिन्न गतिविधियों को संगठित रूप देने, प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल और लेनदेन को पकड़ने की क्षमता की वजह से हुई है. उन्होंने कहा कि इन पहल से कर संग्रह 15 से 20 प्रतिशत बढ़ा है.


(इनपुट एजेंसी से)