नरेश गोयल बोले, `मेरे लिए कोई बलिदान जेट एयरवेज के हितों के संरक्षण से बड़ा नहीं`
गोयल 1992 में कंपनी के चेयरमैन बने थे. गोयल ने कहा, ‘‘मेरा परिवार इस फैसले में मेरे साथ है. मुझे उम्मीद है कि आप मेरे फैसले का समर्थन करेंगे. आप सभी मुझे याद आएंगे.’’
मुंबई: कर्ज निपटान योजना के तहत नरेश गोयल ने जेट एयरवेज के चेयरमैन का पद छोड़ दिया है. यह पद छोड़ते हुए गोयल ने सोमवार को कहा कि उनके लिए कोई भी बलिदान एयरलाइन और उसके 22,000 कर्मचारियों के परिवारों के हितों के संरक्षण से बड़ा नहीं है. गोयल पिछले 25 साल से परिचालन कर रही एयरलाइन के संस्थापक भी हैं. एयरलाइन की ओर से जारी बयान के अनुसार गोयल ने कहा, ‘‘उनके लिए कोई भी बलिदान एयरलाइन और उसके 22,000 कर्मचारियों के परिवारों के हितों के संरक्षण से बड़ा नहीं है. इन 22,000 कर्मचारियों तथा उनके परिवार की भलाई के लिए मैं जेट एयरवेज के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे रहा हूं.’’
गोयल 1992 में कंपनी के चेयरमैन बने थे. गोयल ने कहा, ‘‘मेरा परिवार इस फैसले में मेरे साथ है. मुझे उम्मीद है कि आप मेरे फैसले का समर्थन करेंगे. आप सभी मुझे याद आएंगे.’’ उन्होंने कहा कि मैंने जेट एयरवेज को पहले वर्ष 4 विमानों से 124 विमानों तक का सफर पूरा करते देखा है.
उन्होंने कहा कि हमारे शेयरधारकों ने बैंक के नेतृत्व वाले रिजॉल्यूशन प्लान (बीएलआरपी) को मंजूरी दे दी है, जो जेट एयरवेज को एक स्पष्ट और स्थायी वित्तीय स्तर पर लाने के हमारे प्रयासों में एक निश्चित कदम है. उन्होंने भावनात्मक होते हुए कहा कि सुरंग के अंत में प्रकाश की एक किरण दिखाई दे रही है और इसीलिए मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि हम अपनी प्यारी एयरलाइन की बागडोर नई पीढ़ी को सौंप दें.