Pakistan Economic Crisis: कंगाल पाकिस्तान का हुआ और बुरा हाल, महंगाई ने तोड़ा 48 साल का रिकॉर्ड
Economic Crisis: खाद्य पदार्थों की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि ने सामान्य मुद्रास्फीति को बढ़ा दिया, जिसके चलते जनवरी 2023 में सीपीआई मुद्रास्फीति चढ़कर 27.55 प्रतिशत पर पहुंच गई. एक महीने पहले यह 24.47 प्रतिशत पर थी.
Inflation in Pakistan: आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान की महंगाई ने जनवरी में नया रिकॉर्ड बनाया और यह 1975 के बाद रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया. आपूर्ति की कमी के कारण खाद्य पदार्थों, कच्चे माल और उपकरणों के हजारों कंटेनर नकदी की कमी के बाद बंदरगाहों पर अटके हुए हैं. डॉलर की कमी के कारण सरकार ने आयात में कटौती की है. खाद्य पदार्थों की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि ने सामान्य मुद्रास्फीति को बढ़ा दिया, जिसके चलते जनवरी 2023 में सीपीआई मुद्रास्फीति चढ़कर 27.55 प्रतिशत पर पहुंच गई. एक महीने पहले यह 24.47 प्रतिशत पर थी.
मुख्य मुद्रास्फीति भी चरम पर रही
मई 1975 में सीपीआई मुद्रास्फीति 27.77 प्रतिशत थी. पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (PBS) के अनुसार, जुलाई-जनवरी 2022/23 में औसत महंगाई वित्त वर्ष 2022 की समान अवधि में 10.26 प्रतिशत के मुकाबले 25.4 प्रतिशत दर्ज की गई थी. साल 2011 के बाद से मुख्य मुद्रास्फीति भी चरम पर रही. इससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) आने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में छूट दर को ऊंचा रखेगा.
23 जनवरी को केंद्रीय बैंक ने अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद करने के लिए 1998 के बाद से नीतिगत दर को 100 आधार अंकों से बढ़ाकर 17 प्रतिशत कर दिया. वित्तीय संकट और अपर्याप्त आपूर्ति के बीच बढ़ती महंगाई एक समस्या बन गई है. पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली 13-दलीय गठबंधन सरकार की राजनीतिक पूंजी को कम कर रहा है. महंगे बैंक वित्तपोषण के कारण यह न केवल आम लोगों बल्कि उद्योगों और व्यवसायों को भी प्रभावित कर रहा है.
पाकिस्तान में मुद्रास्फीति की दर 1957 से 2023 तक औसतन 8.05 प्रतिशत थी, जो दिसंबर 1973 में 37.8 प्रतिशत के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई. फरवरी 1959 में यह शून्य से 10.32 प्रतिशत कम हो गई. (Input : IANS)