Banking System: संसदीय समिति ने कह दी बड़ी बात, सरकारी बैंकों को इस काम में रहना होगा तेज
Bank: समिति ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि बैंकरों के काम की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए भर्ती परीक्षा की बनावट को भी समय-समय पर बदलने की जरूरत है, ताकि सही उम्मीदवारों का चयन किया जा सके. कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर संसद की स्थायी समिति ने कहा, ``बैंकरों के लिए जरूरी गति और सटीकता की परिभाषा समय-समय पर बदलती रहती है.``
Banking Tips: देश में बैंकिंग सिस्टम काफी अहम भूमिका निभाता है. वहीं देश के करोड़ों लोगों का बैंक अकाउंट भी बैंकों में होगा. ऐसे में ग्राहकों को बैंकों की ओर से दी जाने वाली सुविधा भी काफी मायने रखती है. इस बीच एक संसदीय समिति ने बैंकों पर बढ़ते कार्यभार का हवाला देते हुए कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को नई तकनीक को समय से अपनाने के साथ ही ग्राहक सेवा में बहुत तेज रहना होगा.
समिति की रिपोर्ट
समिति ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि बैंकरों के काम की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए भर्ती परीक्षा की बनावट को भी समय-समय पर बदलने की जरूरत है, ताकि सही उम्मीदवारों का चयन किया जा सके. कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर संसद की स्थायी समिति ने कहा, ''बैंकरों के लिए जरूरी गति और सटीकता की परिभाषा समय-समय पर बदलती रहती है. लगभग 10 साल पहले कार्यभार और कार्य की प्रकृति को देखते हुए शायद ऐसी गति या सटीकता की जरूरत नहीं थी.''
सरकारी योजनाएं
समिति ने आगे कहा, ''आज बैंक कर्मचारी सैकड़ों केंद्रीय और राज्य सरकारों की योजनाओं को लागू कर रहे हैं और सरकार की गरीब-समर्थक योजनाओं की प्रकृति को देखते हुए गति और सटीकता बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.'' समिति ने इस बात पर जोर दिया कि आजकल इस्तेमाल की जा रही तकनीक के कारण, चाहे वह ई-बैंकिंग हो या ऑनलाइन बैंकिंग, बैंक कर्मचारियों को ग्राहक सेवा में बहुत तेज होना होगा. साथ ही उन्हें तकनीक को भी तेजी से अपनाना होगा.
बदलते परिदृश्य की जरूरतों की पूर्ति
बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा कि वह यह जानना चाहती है कि वर्तमान बदलते परिदृश्य की जरूरतों को पूरा करने और उसके साथ तालमेल बनाए रखने के लिए भर्ती परीक्षा का पाठ्यक्रम और इसके दिशानिर्देश कैसे तैयार किए जा रहे हैं. (इनपुट: भाषा)