बेटी के लिए जमा कर रहे हैं पैसा, सुकन्या समृद्धि स्कीम में हुए 5 बड़े बदलावों को तुरंत जानिए
बेटियां किस्मत वालों को मिलती हैं, इसलिए उनका भविष्य सुरक्षित रहे इसके लिए सुकन्या समृद्धि योजना बेहद काम की है, इस योजना के कुछ नियमों को बदला गया है, जिससे ये स्कीम और ज्यादा बेहतर हो गई है.
तय वक्त से पहले खाता बंद कर सकेंगे
सुकन्या समृद्धि स्कीम को पहले दो परिस्थियों में बंद किया जा सकता था. पहला अगर बेटी की मौत हो जाए तो खाते को बंद करना पड़ता था, दूसरा अगर बेटी के रहने का पता ही बदल जाए तो खाते को बंद किया जा सकता था. लेकिन अब खाताधारक की जानलेवा बीमारी को भी इसमें शामिल कर लिया गया है साथ अगर अभिभावक की मौत हो जाए तो भी स्कीम को बंद किया जा सकता है.
दो बेटियों से ज्यादा के मामले में खाता खोलने के नियम
फिलहाल इस स्कीम में दो बेटियों के लिए खाता खुलवाया जा सकता है. अगर तीसरी बेटी है तो उसके लिए ये स्कीम लाभकारी नहीं है. मगर अब नए नियमों के मुताबिक अगर एक बेटी के जन्म के बाद दो जुड़वा बेटियां पैदा होती हैं तो उन सभी के लिए खाता खुल सकता है. नए नियमों के अनुसार, अगर दो से ज्यादा बेटियों का खाता खुलना है तो जन्म प्रमाणपत्र के साथ एफिडेविट भी जमा करना पड़ेगा. पुराने नियमों में अभिभावक को केवल मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करने की जरूरत पड़ती थी.
अकाउंट डिफॉल्ट होने के बावजूद नहीं बदलेगी ब्याज दर
इस स्कीम के में अभी सालाना कम से कम 250 रुपये जमा करना जरूरी है, अगर ये न्यूनतम राशि जमा नहीं हुई तो खाते को डिफॉल्ट अकाउंट मान लिया जाता है. लेकिन अब नए नियमों के अनुसार, अगर खाते को दोबारा एक्टिव नहीं किया जाता है तो मैच्योर होने तक डिफॉल्ट अकाउंट पर स्कीम के लिए लागू दर से ब्याज मिलता रहेगा. यह खाताधारकों के लिए अच्छी खबर है. पुराने नियमों के अनुसार, ऐसे डिफॉल्ट खातों पर पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट के लिए लागू दर से ब्याज मिलता था. डाकघर बचत खातों की ब्याज दर 4 परसेंट है, जबकि सुकन्या समृद्धि पर 7.6 परसेंट ब्याज मिलता है.
खाता ऑपरेट करने के नियम
अभी तक बेटी 10 साल में ही अपने खाते को ऑपरेट कर सकती थी, लेकिन नए नियमों के तहत जब तक बेटी 18 साल की नहीं हो जाती है तब तक उसे खाता ऑपरेट करने की मंजूरी नहीं दी जाएगी. नए नियम कहते हैं कि खाताधारक के 18 साल का हो जाने तक अभिभावक खाते को ऑपरेट करेंगे.
ये हैं अन्य बदलाव
नए नियमों में खाते में गलत इंटरेस्ट डालने पर उसे वापस पलटने के प्रावधान को हटाया गया है. इसके अलावा नए नियमों के तहत खाते में ब्याज वित्त वर्ष के अंत में क्रेडिट किया जाएगा.