Corporate FD में भी लगा सकते हैं पैसा, मिलेगा हाई रिटर्न, इतना रहेगा जोखिम
FD Return: एफडी पर निवेशकों को किसी भी प्रकार का कोई जोखिम नहीं उठाना पड़ता है. वहीं रिटर्न की मात्रा भी फिक्स रहती है. वहीं इस निवेश में लोगों की पूंजी भी सुरक्षित रहती है. बैंकों से एफडी करवाई जा सकती है. हालांकि क्या आपको पता है कि कई कंपनियां भी एफडी कर सकती है.
FD Interest Rate: फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) के जरिए निवेशक कम जोखिम में रिटर्न हासिल कर सकता है. एफडी पर निवेशकों को किसी भी प्रकार का कोई जोखिम नहीं उठाना पड़ता है. वहीं रिटर्न की मात्रा भी फिक्स रहती है. इस निवेश में लोगों की पूंजी भी सुरक्षित रहती है. बैंकों से एफडी करवाई जा सकती है. हालांकि क्या आपको पता है कि कई कंपनियां भी एफडी कर सकती है. इसे Corporate Fixed Deposit कहा जाता है.
कॉरपोरेट एफडी एक टर्म डिपॉजिट है जिसे निश्चित अवधि के लिए ब्याज की निश्चित दरों पर रखा जाता है. वित्तीय और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के जरिए Corporate Fixed Deposit पेश की जाती है. Corporate FD कुछ महीनों से लेकर कुछ वर्षों तक की हो सकती है.
निवेशकों की जैसी निवेश आवश्यकता है, उस हिसाब से अलग-अलग अवधि, ब्याज दरों और संस्थानों में अलग-अलग Corporate Fixed Deposit के विकल्पों को चुना जा सकता है. Corporate Fixed Deposit तुलनात्मक रूप से बैंकों की ओर से की जाने वाली एफडी से ज्यादा रिटर्न उपलब्ध करवाती है. हालांकि अलग-अलग कंपनी की ओर से दी जाने वाली ब्याज दर में फर्क हो सकता है.
कंपनियां पैसा जुटाने के लिए कॉरपोरेट एफडी जारी करती हैं. बैंक एफडी उन समग्र संपत्तियों के जरिए समर्थित होते हैं जिनका वे प्रबंधन करते हैं. हालांकि कॉरपोरेट एफडी असुरक्षित साधन हो सकते हैं. ये इस मामले में जोखिम वाली एफडी होती है क्योंकि इन डिपॉजिट में रिटर्न की गारंटी देने के लिए कोलेटरल या एसेट नहीं है.
वहीं किसी भी Corporate Fixed Deposit को चुनने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए. Corporate Fixed Deposit करवाते वक्त Credit Rating, Company Background और Repayment History की जांच कर लें.