Farmer: देश में किसानों के लिए कई स्कीम चलाई जा रही है. इन स्कीम के जरिए सरकार की ओर से किसानों को लाभ उपलब्ध करवाया जाता है. वहीं अब एक बार फिर से किसानों के हित के लिए एक योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत बासमती की फसल की खेती की गई है. साथ ही कई और भी अहम बातें सामने आई हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में...


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प्रायोगिक परियोजना


पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां ने कहा कि राज्य सरकार ने एक प्रायोगिक परियोजना शुरू की है जिसके तहत अमृतसर जिले के चोगावां खंड में बासमती फसल की ऐसी खेती की गई है, जिससे कोई अवशेष उत्पन्न न हो. अवशेष-मुक्त खेती में रसायनों का न्यूनतम या बिल्कुल इस्तेमाल नहीं किया जाता है. मंत्री ने कहा कि इस पहल का मकसद मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की इच्छा के अनुसार राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देना है.


बासमती चावल की खेती


चोगावां खंड गुणवत्तापूर्ण बासमती चावल की खेती के लिए पहचाना जाता है. मंत्री ने कहा कि चोगावां खंड में कुल 32,000 हेक्टेयर खेती योग्य क्षेत्र है. इसमें से 28,753 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती की जाती है, जिसमें से 25,000 हेक्टेयर पर बासमती की फसल बोई जाती है. उन्होंने बताया कि परियोजना के तहत कुल 102 गांवों में से खंड के 42 गांवों को इस खेती के लिए चयनित किया गया है.


चावल का निर्यात


खुदियां ने कहा, “बासमती चावल के निर्यात की काफी संभावनाएं हैं क्योंकि इस क्षेत्र में उत्पादित अधिकतर अनाज का यूरोपीय और पश्चिम एशियाई देशों में निर्यात किया जाता है.” उन्होंने कहा कि वर्तमान में बासमती चावल 60 से अधिक देशों में निर्यात किया जाता है. केवल अमृतसर जिले ने पिछले साल चावल निर्यात में करीब 9,000 करोड़ रुपये को योगदान दिया. (इनपुट: भाषा)