नई दिल्ली : रेलवे के बारे में सभी ऐतिहासिक व रोचक जानकारियां वीडियो व फोटो के जरिए पाना आसान हो गया है. भारतीय रेलवे गूगल आर्ट्स एंड कल्‍चर के सहयोग रेलवे के इतिहास से जुड़ी रोचक घटनाओं धरोहरोंं व संस्कृति का डिजिटलीकरण कर रहा है. शुक्रवार को रेल एवं कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्‍ली में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गूगल आर्ट्स एंड कल्‍चर के सहयोग से भारतीय रेलवे की ‘रेल धरोहर डिजिटलीकरण परियोजना’ का शुभारंभ किया. गूगल की ओर से जारी किए गए “https://artsandculture.google.com/project/indian-railways” के जरिए देश व विदेश के लोग भारतीय रेलवे से जुड़ी रोचक जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं. रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार यह परियोजना राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों को देश की रेल धरोहरों से रू-ब-रू कराने के उद्देश्‍य से दुनिया के इस हिस्से में अपनी तरह का प्रथम ऐतिहासिक प्रयास है. 


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कई महत्वपूर्ण धरोहरों का हुआ डिजिटलीकरण 
रेलवे बोर्ड के अध्‍यक्ष अश्विनी लोहानी ने कहा कि गूगल आर्ट एंड कल्‍चर के साथ साझेदारी के माध्‍यम से रेवाड़ी स्‍टीम सेंटर स्थित राष्‍ट्रीय रेल संग्रहालय, तीन वर्ल्‍ड हेरीटेज रेलवे, सीएसएमटी मुंबई भवन समेत देश की रेलवे धरोहर से जुड़े कई अन्‍य स्‍थानों का डिजिटलीकरण किया गया है. उन्‍होंने बहुमूल्‍य रेलवे धरोहर के डिजिटलीकरण की इस येाजना को एक बड़ा प्रयास बताया.    


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रेलवे की धरोहर, इतिहास और संस्कृति की एक असाधारण संपत्ति है 
गूगल सांस्कृतिक संस्थान के निदेशक अमित सूद ने कहा कि गूगल  दुनिया भर में कलात्मक और सांस्कृतिक खजाने को संरक्षित करने और उसे लोगों के सामने लागने के लिए कई प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे की धरोहर, इतिहास और संस्कृति की एक असाधारण संपत्ति है जो बेहद आकर्षक होने के साथ ही सभी उम्र के लोगों के लिए हमेशा रूचिपूर्ण रहेगी. उन्‍होंने कहा कि यह परियोजना भारतीय रेलवे के निर्माण से उन अहम क्षणों से जुड़ी हैं, जिसकी वजह से भारतीय रेल आज देश की रीढ़ बन चुका है. गूगल के दक्षिण पूर्व एशिया और भारत में उपाध्‍यक्ष राजन अनंदन ने कहा कि 400 रेलवे  स्‍टेशनों पर वाईफाई सेवा उपलब्‍ध है. ऐसे में भारतीय रेलवे के इतिहास व संस्कृति से जुड़ी जानकारियां आम लोगों तक पहुंचाना आसान हो गया है.