अगले साल मार्च तक जीडीपी ग्रोथ पटरी पर आ जाएगी, केंद्रीय मंत्री ने जताया भरोसा
वित्त वर्ष 2023-24 की जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. बताया जा रहा है कि जीडीपी का आंकड़ा गिरकर दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है.
GDP Growth Rate: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री (Commerce and Industry Minister) पीयूष गोयल ने विश्वास जताया कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक देश की आर्थिक वृद्धि पटरी पर आ जाएगी. उन्होंने कहा कि इस साल भी इंडियन इकोनॉमी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगी. गोयल ने कहा, ‘पहली तिमाही में चुनाव हुए और चुनाव के दौरान जाहिर है कि नीति निर्माण तथा वृद्धि के अगले चरणों या बुनियादी ढांचे पर खर्च के फैसले धीमे हो जाते हैं और इसका ही प्रभाव देखने को मिला.’
5.4 प्रतिशत की जीडीपी को लेकर किया गया सवाल
गोयल ने एक निजी न्यूज चैनल के कार्यक्रम के दौरान कहा कहा, 'लेकिन इस तिमाही और तीसरी तिमाही के शुरुआती आंकड़ों से, त्योहारी खर्च, ग्रामीण वृद्धि में वापसी, बैंकों में फिर से सुधार, बुनियादी ढांचे पर खर्च में तेजी...मुझे लगता है कि मार्च में साल के अंत तक हम फिर से पटरी पर आ जाएंगे.' मंत्री से चालू इस वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 5.4 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर को लेकर चिंता होने पर सवाल किया गया था.
RBI ने 7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया
भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई थी, जबकि आरबीआई ने स्वयं इसके सात प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया था. गत वित्त वर्ष 2023-24 की जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. बताया जा रहा है कि जीडीपी का आंकड़ा गिरकर दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है.
गोयल ने कहा कि भविष्य में आधुनिक प्रौद्योगिकियों और नवाचार के साथ भारत का जुड़ाव देश की विकास की कहानी को परिभाषित करेगा. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के नकारात्मक और झूठे बयान देश की आर्थिक वृद्धि को रोक नहीं पाएंगे. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्षी दल संसद की कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ वे झूठे आख्यान और फर्जी कहानियों पर अड़े हुए हैं.’ (इनपुट : भाषा)