PM Narendra Modi: केंद्र सरकार देश के 14 करोड़ से ज्‍यादा क‍िसानों की आमदनी बढ़ाने के ल‍िए लगातार प्रयास कर रही है. इसके मद्देनजर मोदी सरकार की तरफ से क‍िसानों के ल‍िए कई महत्‍वपूर्ण योजनाएं भी शुरू की गई हैं. पीएम क‍िसान सम्‍मान न‍िध‍ि (PM Kisan Samman Nidhi) सरकार की सबसे महत्‍वाकांक्षी योजना है. इसके अलावा सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री बीमा फसल योजना, पशुपालन को बढ़ावा देने के ल‍िए तमाम योजनाएं और क‍िसान क्रेड‍िट कार्ड के जर‍िये सुलभता से लोन म‍िलने जैसी सुव‍िधाएं शाम‍िल हैं.


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शोध और मानकों पर ध्यान देने की जरूरत
सरकार की योजना क‍िसानों की आमदनी को दोगुना करना है. इसी को ध्‍यान में रखते हुए कॉमर्स एवं इंडस्‍ट्री म‍िन‍िस्‍टर पीयूष गोयल ने एक्‍सपोर्ट को बढ़ावा देने के मकसद से मोटे अनाज के लिए नए बाजारों की तलाश करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि इसके लिए अभी और अध‍िक शोध और मानकों पर ध्यान देने की जरूरत है. मोटे अनाज पर एक इंटरनेशनल बायर-सेलर मीट‍िंग में उन्होंने कहा, 'हमें नए बाजारों और गंतव्यों की तलाश करनी चाहिए. नई किस्मों को लाने के लिए र‍िसर्च की जरूरत है.'


कार्बन उत्सर्जन कम करने में मददगार
मंत्री ने मोटे अनाज की उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान देने के अलावा उद्योग की अधिक भागीदारी की भी बात कही. मोटा अनाज खेती को आगे ले जाने के अलावा कार्बन उत्सर्जन कम करने में मददगार है. मोटे अनाज का न‍िर्यात बढ़ने पर क‍िसानों की भी आमदनी बढ़ना तय है. उन्होंने कहा, ‘आइए हम मोटे अनाज की वैश्विक राजधानी बनें.’ कार्यक्रम में बोलते हुए, वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा भारत से मोटे अनाज के निर्यात को बढ़ावा देने के ल‍िए अभी काफी गुंजाइश है. उन्होंने उम्‍मीद जताई, 'हम अगले दो से तीन साल में 1.5 करोड़ डॉलर से 100 अरब डॉलर का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं.'


उन्होंने कहा मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए भारत और विदेशों में कार्यक्रमों का आयोजन क‍िया जाएगा. आपको बता दें वैश्विक उत्पादन में करीब 41 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ भारत दुनियाभर में मोटे अनाज के प्रमुख उत्पादकों में से एक है. खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, साल 2020 में मोटे अनाज का वैश्विक उत्पादन तीन करोड़ 4.64 लाख टन का हुआ था. भारत की हिस्सेदारी एक करोड़ 24.9 लाख टन की थी. (इनपुट भाषा से भी)