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Alive Nostradamus: ‘लिविंग नास्त्रेदमस’ के नाम से मशहूर एथोस सलोमे जो कोविड-19, ब्रिटेन की महारानी की मृत्यु और रूस के यूक्रेन पर आक्रमण की भविष्यवाणियां पहले कर चुके हैं, उसने अब 2025 के लिए अपनी नई भविष्यवाणियां शेयर की हैं. इन भविष्यवाणियों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और आध्यात्मिकता को लेकर वैश्विक परिप्रेक्ष्य को बदलने का दावा किया गया है. ऐसा कहा जा रहा है कि अभी नहीं जानें तो बाद में पछताएंगे.
जिनेटिकली मॉडिफाइड मानव: नई मानवता का उदय
एथोस सलोमे का मानना है कि 2025 में मानवता के लिए एक नई क्रांति शुरू होगी, जिसमें जिनेटिकली मॉडिफाइड यानी बदलें हुए मानवों का खुलासा होगा. उन्होंने कहा कि क्लोनिंग और CRISPR जैसी तकनीकों का उपयोग करके सरकारें और कंपनियां चुपके से 'परफेक्ट' इंसान बना रही हैं, जो ज्यादा समझदार, ताकतवर और बीमारियों से अधिक बचाव वाले होंगे. यह बदलाव सबसे पहले एशिया में दिखाई देगा, क्योंकि वहां जैव प्रौद्योगिकी में काफी प्रगति हो रही है. इससे दुनिया भर में एक नैतिक संकट पैदा हो सकता है, जिसमें मानवाधिकार, असमानता और मानवता का असली मतलब पर बहस होगी.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: डिजिटल प्रलय का खतरा
सलोमे ने यह भी भविष्यवाणी की कि 2025 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अपनी सीमा तक पहुंच जाएगा. AI ऐसी स्थिति में पहुंचेगा, जहां यह अपनी स्वायत्तता प्राप्त करेगा और संवेदनशील क्षेत्रों जैसे साइबर सुरक्षा और परिवहन में अविश्वसनीय निर्णय ले सकेगा. इस स्थिति में मानवता के लिए यह बड़ा सवाल होगा कि जब वह अपनी खुद की रचनाओं पर नियंत्रण खो देगा, तो उसकी प्रतिक्रिया क्या होगी?
एलियन जीवन से संपर्क: सत्य या उथल-पुथल?
एथोस के अनुसार, 2025 में एलियन जीवन के अस्तित्व को लेकर आधिकारिक घोषणाएं की जाएंगी. पृथ्वी पर जीवन के संकेत जैसे कि मंगल ग्रह पर सूक्ष्मजीवों के प्रमाण या अन्य जटिल सभ्यताओं के बारे में खुलासा किया जाएगा. कुछ देशों जैसे अमेरिका, रूस और चीन इसे छुपाने की कोशिश करेंगे, ताकि ग्लोबली उथल-पुथल से बचा जा सके. इससे न केवल धार्मिक और दार्शनिक प्रणालियों पर असर पड़ेगा, बल्कि एक आध्यात्मिक क्रांति भी संभव है.
ऊर्जा संकट: शक्ति का खेल
सलोमे का कहना है कि 2025 तक एक वैश्विक ऊर्जा संकट उत्पन्न होगा, जिसका इस्तेमाल बड़े देशों द्वारा दुनिया में नियंत्रण स्थापित करने के लिए किया जाएगा. हालांकि शून्य-बिंदु ऊर्जा जैसी नई ऊर्जा प्रौद्योगिकियों का विकास हो चुका है, लेकिन ये अब तक गुप्त रखी गई हैं. इस संकट का सबसे अधिक असर विकासशील देशों पर पड़ेगा, जिससे वैश्विक असमानताएं और बढ़ेंगी.
उपचर्म चिप्स द्वारा जनसंख्या नियंत्रण: निगरानी की नई तकनीक
एथोस ने यह चेतावनी दी कि भविष्य में उपचर्म चिप्स, जो स्वास्थ्य और सुरक्षा में सुधार के नाम पर लगाए जाएंगे, आम हो जाएंगे. इन चिप्स का इस्तेमाल सरकारें और कंपनियां जनसंख्या की निगरानी करने और असंतोष को दबाने के लिए कर सकती हैं. COVID-19 महामारी ने इन नियंत्रण उपायों को स्वीकार करने की दिशा में लोगों की मानसिकता को तैयार कर दिया है.
जलवायु संकट: एक छुपा हुआ हाथ
सलोमे का मानना है कि भूविज्ञान इंजीनियरिंग का इस्तेमाल जलवायु आपदाएं पैदा करने के लिए किया जाएगा, जैसे बेमौसम तूफान और सूखा. इससे जलवायु नीति और पर्यावरण की नैतिकता पर गंभीर चर्चा होगी. जलवायु परिवर्तन अब एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है.
गोपनीय सैन्य ऑपरेशन्स का खुलासा: भविष्य की हकीकत
आखिरकार, सलोमे ने भविष्यवाणी की कि 2025 में भूमिगत सैन्य ठिकानों और गुरुत्वाकर्षण पर चलने वाली प्रणालियों जैसे गुप्त सैन्य कामकाज का खुलासा होगा. इससे दुनिया भर में विरोध और सैन्यीकरण के खिलाफ प्रदर्शन हो सकते हैं. अगर एथोस सलोमे की ये भविष्यवाणियां सच होती हैं, तो 2025 का साल मानवता के लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आ सकता है, जो न केवल विज्ञान और तकनीक में बल्कि मानवता की सोच और नैतिकता में भी गहरे बदलाव करेगा.