Post Office में निवेश करने पर फायदा ही फायदा, टैक्स बचेगा और ब्याज भी मिलेगा
आज के दौर में ज्यादातर लोग पोस्ट ऑफिस (Post Office) की स्कीम के मुकाबले बैंक की योजनाओं में निवेश करना अच्छा समझते हैं लेकिन असल में ऐसा है नहीं. पोस्ट ऑफिस की स्कीम में छोटी-छोटी बचत (Small saving) के जरिए एक बड़ी रकम (Big Amount) तैयार की जा सकती है.
दिल्ली: अगर आप टैक्स सेविंग के लिहाज से निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं तो ये खबर आपके बहुत काम की है. आज के दौर में पोस्ट ऑफिस भी बैंक की तरह हाईटेक हो गए हैं. घर बैठे आप पोस्ट ऑफिस में खाता खोल सकते हैं और इसके एक-दो नहीं पूरे तीन फायदे उठा सकते हैं. पहला फायदा ये है कि अब आपको खाता खोलने के लिए पोस्ट ऑफिस जाने की जरूरत नहीं होती है. घर बैठे आप ऑनलाइन खाता खोल सकते हैं. दूसरा आपका टैक्स बचेगा और तीसरा ब्याज भी मिलेगा.
निवेश कीजिए और टैक्स बचाइए
पोस्ट ऑफिस में कई योजनाएं ऐसी चलती हैं जिनमें निवेश करने पर आपको अच्छा रिटर्न तो मिलता ही है साथ ही टैक्स भी नहीं लगता है. अगर आप इन योजनाओं से वाकिफ नहीं हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप पोस्ट ऑफिस की योजनाओं के फायदे उठा सकते हैं. पोस्ट ऑफिस की PPF और FD स्कीम बहुत ज्यादा चलन में हैं.
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF)
पोस्ट ऑफिस के पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) में निवेश पर आपको इनकम टैक्स की छूट मिलती है. इसके अलावा जमा की गई राशि पर ब्याज की गणना सालाना आधार पर की जाती है. इसके अलावा साल भर के ब्याज को अगले साल के मूलधन में जोड़ दिया जाता है जिससे आपको हर साल ब्याज बढ़कर मिलता है. पीपीएफ में निवेश करने पर रिटर्न, परिपक्वता राशि (Maturity Amount) और ब्याज पर आयकर में छूट मिलती है. पीपीएफ पर हर तिमाही के लिए ब्याज दर तय की जाती है. फिलहाल 31 मार्च 2021 तक 7.1 फीसदी ब्याज PPF पर मिल रही है.
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फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit)
पोस्ट ऑफिस की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम में एक तय अवधि के लिए एकमुश्त पैसा निवेश किया जाता है. FD पर आप निश्चित रिटर्न और ब्याज भुगतान का लाभ उठा सकते हैं. एफडी पर फिलहाल 7 फीसदी ब्याज मिल रहा है. इसका मतलब ये हुआ कि आपका धन (ब्याज दर समान रहने पर) तकरीबन 10 साल 4 महीने में डबल हो जाएगा. एफडी में एक साल, दो साल, तीन साल और पांच साल के लिए निवेश करने पर ब्याज का प्रावधान है. नियमों के मुताबिक 5 साल और उससे ज्यादा समय के लिए एफडी कराने पर आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट का फायदा मिलता है.
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