दिवाली पर फटा महंगाई बम, कैसे तलेंगे पूड़ियां, सरसों, रिफाईन तेल सब हुए महंगे
त्योहार मतलब खर्च, मतलब बजट बिगाड़ने वाला मौसम. नए कपड़े, घरों की सजावट से लेकर लोगों को गिफ्ट खरीदने में लोगों का बैंक बैलेंस हिल जाता है. ऊपर से इस साल धनतेरस पर सोने-चांदी की कीमत ने भी जेब पर बोझ बढ़ा दिया है.
Price Hike in Festival Season: त्योहार मतलब खर्च, मतलब बजट बिगाड़ने वाला मौसम. नए कपड़े, घरों की सजावट से लेकर लोगों को गिफ्ट खरीदने में लोगों का बैंक बैलेंस हिल जाता है. ऊपर से इस साल धनतेरस पर सोने-चांदी की कीमत ने भी जेब पर बोझ बढ़ा दिया है. सिर्फ खरीदारी ही नहीं रसोई का बजट भी हिला हुआ है. दिवाली पर पकवानों का स्वाद देने के लिए आपको जेब और ढ़ीली करनी पड़ेगी.
सरसों तेल, रिफाईन सब महंगे
फेस्टिवल सीजन में सोने की कीमत ही नहीं महंगाई भी चरम पर है. खाने का तेल महंगा हो गया है. त्योहारों पर खाने के तेल की महंगाई बढ़ी है. एक महीने में पाम तेल का रिटेल भाव 37% बढ़ा है . महीनेभर में सरसों तेल 30% महंगा हुआ है. ड्यूटी बढ़ने, ग्लोबल मार्केट में तेजी का असर दिखा. ग्लोबल मार्केट में 10-15% दाम बढ़ चुके हैं . भारत खपत का 60% खाने का तेल इंपोर्ट करता है. आइए जानते हैं इस फेस्टिवल सीजन में कितने बढ़े खाने के तेल के दाम
कितने बढ़े खाने के तेल के दाम |
सितंबर में कीमत प्रति किलो | अक्टूबर में कीमत प्रति किलो |
पाम तेल
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100 | 137 |
सरसों तेल | 140 | 181 |
सोया तेल
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120 | 148 |
सूरजमुखी तेल | 120 | 148 |
मूंगफली तेल | 180 | 187 |