PF में जमा करते हैं पैसा तो सामने आई बड़ी बात, अगर PF Passbook अपडेट नहीं है तो क्या खो देंगे पैसा?
PF Balance: खाताधारकों को ईपीएफ ब्याज क्रेडिट में देरी के सवाल पर मंत्री ने कहा कि 6 मार्च 2023 तक 98% अंशदायी प्रतिष्ठानों के सदस्यों के खातों में ब्याज जमा किया गया था. मंत्री ने आगे कहा कि ईपीएफ ब्याज क्रेडिट एक सतत प्रक्रिया है जो नियमित दावा निपटान में बाधा डाले बिना एक निर्धारित तरीके से की जाती है.
Provident Fund: नौकरीपेशा लोगों का पैसा हर महीने पीएफ खाते में निवेश किया जाता है. इसमें एक हिस्सा नियोक्ता के जरिए दिया जाता है तो दूसरी हिस्सा कर्मचारी की ओर से दिया जाता है. हालांकि कई बार नियोक्ता के जरीए पीएफ में अमाउंट जमा करने में देरी हो जाती है और पीएफ पासबुक अपडेट नहीं हो पाती है. ऐसे में कई लोगों के मन में असमंजस होती है कि अगर पीएफ की पासबुक अपडेट नहीं है तो क्या पीएफ के पैसे में कमी आएगी? आइए जानते हैं इसके बारे में...
पीएफ पासबुक
अगर आपकी कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाता पासबुक अपडेट नहीं है तो आपको पैसे की कमी नहीं होगी. सरकार के अनुसार ईपीएफ सदस्य पासबुक अपडेट सिर्फ एक प्रवेश प्रक्रिया है और जिस तारीख को पासबुक में ब्याज दर्ज किया जाता है, उसका खाताधारक के लिए कोई वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ता है. सोमवार (13 मार्च, 2023) को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि पासबुक अपडेट न होने पर भी ईपीएफ सदस्यों को कोई वित्तीय नुकसान नहीं होता है.
नुकसान नहीं
मंत्री के मुताबिक ईपीएफ का मासिक रनिंग बैलेंस हमेशा उस साल के क्लोजिंग बैलेंस में जोड़ा जाता है. इसलिए पासबुक में एंट्री की तारीख ईपीएफ ब्याज क्रेडिट को प्रभावित नहीं करती है. मंत्री ने कहा, "ब्याज के साथ मेंबर पासबुक को अपडेट करना केवल एक प्रवेश प्रक्रिया है, जिस तारीख को मेंबर की पासबुक में ब्याज दर्ज किया जाता है, उसका कोई वास्तविक वित्तीय असर नहीं होता है क्योंकि वर्ष के लिए अर्जित ब्याज हमेशा अंतिम शेष में जोड़ा जाता है. इसलिए मेंबर को कोई वित्तीय नुकसान नहीं होता है."
ईपीएफ के ब्याज भुगतान में देरी
खाताधारकों को ईपीएफ ब्याज क्रेडिट में देरी के सवाल पर मंत्री ने कहा कि 6 मार्च 2023 तक 98% अंशदायी प्रतिष्ठानों के सदस्यों के खातों में ब्याज जमा किया गया था. मंत्री ने आगे कहा कि ईपीएफ ब्याज क्रेडिट एक सतत प्रक्रिया है जो नियमित दावा निपटान में बाधा डाले बिना एक निर्धारित तरीके से की जाती है.
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