नई दिल्ली: अच्छी सीख कहीं से भी मिल सकती है, जैसे भारतीय रेलवे (Indian Railways) को पिज्जा डिलीवरी कंपनियों से मिल रही है. जैसे पिज्जा कंपनियां 30 मिनट में डिलीवरी नहीं होने पर पिज्जा फ्री कर देती हैं, वैसा ही कुछ रेलवे भी करने जा रही है. अपनी लेटलतीफी के लिए बदनाम रेलवे कमाई बढ़ाने के लिए 'पिज्जा डिलीवरी मॉडल' (Pizza Delivery model) पर काम करेगी. हमारी एक्सक्लूसिव खबर के मुताबिक भारतीय रेलवे मालभाड़ा ट्रेनों के लिए इस मॉडल को लागू करेगी. 


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क्या है रेलवे का 'पिज्जा डिलीवरी' मॉडल?
-मालगाड़ियों को वक्त पर सामान की डिलीवरी करने के लिए तैयार किया जाएगा
-अगर सामान की डिलीवरी समय पर नहीं हुई तो रेलवे उसका मुआवजा देगी
-मुआवजा 1 घंटे की देरी या फिर 4 घंटे की देरी के आधार पर दिया जा सकता है
-पिज्जा डिलीवरी मॉडल को पहले कुछ सेक्टर्स में ही लागू किया जाएगा
-जैसे जैसे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पूरा होगा इसे आगे बढ़ाया जाएगा 


रेलवे को कमाई बढ़ने की उम्मीद 
-ज्यादा से ज्यादा कंपनियां रेलवे ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करना शुरू करेंगी 
-इससे भारतीय रेलवे को अपनी कमाई बढ़ने की भी उम्मीद है
-ई-कॉमर्स, ऑटो सेक्टर, फार्मा सेक्टर से रेलवे को कमाई बढ़ने की उम्मीद
-स्टील, कोयला, सीमेंट की कंपनियां वापस रेलवे की तरफ लौट आएंगी


रेलवे की तैयारी पूरी है 
-एक महीने में मालगाड़ियों की औसत स्पीड को पिछले साल के 23 किलोमीटर से बढ़ाकर 46 किलोमीटर प्रति घंटा किया 
-इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया, रेल लाइनों की डबलिंग, ट्रिपलिंग और इलेक्ट्रिफिकेशन करवाया 


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रेलवे का लक्ष्य
-अगले चार साल में मालभाड़े से कमाई को नई ऊंचाई पर ले जाने का लक्ष्य 
-कार्गो हैंडलिंग को 2024 तक 33 परसेंट बढ़ाने का लक्ष्य


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