Ratan Tata Sachin Tendulkar Meeting: क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और मशहूर उद्योगपति रतन टाटा दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र के द‍िग्‍गज हैं. दोनों ने अपने क्षेत्र में बड़ा योगदान द‍िया है. हाल ही में द‍िग्‍गज क्र‍िकेटर सचिन तेंदुलकर को टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) से मिलने का मौका मिला. यह मुलाकात सचिन तेंदुलकर के ल‍िए बेहद यादगार रही. उन्‍होंने इन पलों को ट्व‍िटर हैंडल (पहले एक्‍स) पर भी शेयर क‍िया. रतन टाटा के साथ ब‍िताए गए पलों को याद करते हुए सचिन तेंदुलकर ने कहा क‍ि वह इस दिन को हमेशा खुशी के साथ याद रखेंगे.


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इस दौरान हुई बातचीत के बारे में भी बताया


51 साल के पूर्व भारतीय कप्तान तेंदुलकर ने एक्‍स पर रतन टाटा से इस दौरान हुई बातचीत के बारे में भी बताया. उन्‍होंने रतन टाटा के साथ ब‍िताए गए पलों का ज‍िक्र करते हुए ल‍िखा क‍ि हम दोनों के बीच कारों के प्रत‍ि उनकी समझ, सोशल वर्क और वन्यजीव संरक्षण जैसे टॉप‍िक पर भी चर्चा हुई. उन्‍होंने इस यादगार मुलाकात बताया. साथ ही ल‍िखा, पिछले रविवार को मेरा दिन बहुत खास बन गया, क्योंकि मुझे मिस्टर टाटा के साथ बातचीत करने का मौका मिला.'


कई विषयों पर बात कर अपने अनुभव शेयर क‍िये
सोशल मीडिया पर तेंदुलकर ने लिखा, 'हमने गाड़ियों के शौकीन, समाज सेवा के लिए किये जाने वाले काम, वन्यजीवों को बचाने के जुनून और पालतू जानवरों के प्यार जैसे कई विषयों पर बात की और अपने-अपने अनुभव शेयर क‍िये.' सचिन तेंदुलकर ने रतन टाटा के साथ हुई बातचीत को 'बहुत ही खास' बताया. उन्होंने ल‍िखा क‍ि यह मुलाकात इस बात की याद दिलाती है कि एक जैसी रुच‍ि लोगों की ज‍िंदगी में कितनी खुश‍ियां ला सकता है.



हमारा जुनून, ज‍िंदगी में कितनी खुश‍ियां ला सकता है
मास्‍टर ब्‍लास्‍टर ने लिखा, 'ऐसी बातचीत बहुत अनमोल होती है और यह हमें याद दिलाती है कि हमारे जुनून हमारी ज‍िंदगी में कितनी खुशी ला सकते हैं. ये वो दिन हैं, ज‍िन्‍हें मैं हमेशा मुस्कराते हुए याद करूंगा.' सचिन तेंदुलकर ने रतन टाटा के साथ हुई बातचीत को 'बेहद खास' बताया. उन्‍होंने कहा ये मुलाकात ऐसी याद दिलाती है मानों ज‍िंदगी में खुश‍ियां और असर लाने के लिए एक जैसे शौक कितने जरूरी होते हैं.


उन्‍होंने ल‍िखा, 'ऐसी बातचीत अनमोल होती हैं. यहीं मुलाकातें हमें याद दिलाती हैं क‍ि जो चीजें हमें पसंद होती हैं, वो हमारी ज‍िंदगी में क‍ितनी खुश‍ियां ला सकती हैं. ये वहीं दिन हैं, ज‍िन्‍हें मैं हमेशा खुश होकर याद करूंगा.' इससे पहले फरवरी में रतन टाटा ने मुंबई में एक पशु अस्पताल खोलने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि पालतू जानवरों से ज‍िंदगीभर लगाव रखने वाले व्यक्ति के तौर पर उन्‍हें ऐसा अस्पताल बनाने की जरूरत महसूस हुई.