Ratan Tata Death News: रतन टाटा अब हमारे बीच में नहीं हैं.. लेकिन उनकी दया और परोपकार की कई कहानियां अनंत समय तक याद की जाएंगी. हम आपको उनकी एक ऐसी कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं.. जिसके बारे में जानकर आपको हैरानी होगी. यह कहानी उस समय की है जब भारतीय उद्योगपति रतन टाटा ने इंग्लिश रॉयल परिवार के निमंत्रण के आगे अपने बीमार कुत्ते को ज्यादा महत्व दिया.


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किंग चार्ल्स III रतन टाटा का इंतजार करते रह गए थे


2018 में प्रिंस चार्ल्स, जो अब किंग चार्ल्स III हैं.. रतन टाटा का इंतजार करते रह गए थे. THE WEEK की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने (किंग चार्ल्स III) रतन टाटा को उनके असाधारण परोपकारी कार्यों के लिए सम्मानित करने का निर्णय लिया था. ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट के तत्वावधान में उन्हें 'लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड' देने की योजना बनी थी. सभी तैयारियां बकिंघम पैलेस में 6 फरवरी 2018 के लिए की गई थीं. रतन टाटा को इस इवेंट के बारे में पहले से बताया गया था. उन्होंने व्यक्तिगत रूप से पुरस्कार ग्रहण करने के लिए खुशी जताई थी.


उनका पालतू कुत्ता यात्रा से ठीक पहले बीमार पड़ गया था


हालांकि, रतन टाटा ने आखिरी मिनट पर इंग्लैंड जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया. उनका पालतू कुत्ता यात्रा से ठीक पहले बीमार पड़ गया था. ब्रिटिश रॉयल फैमिली द्वारा सम्मानित होने का यह महत्वपूर्ण अवसर उनके प्यारे पालतू जानवरों की भलाई से कम महत्वपूर्ण था.


अभिनेता सुहेल सेठ ने बयां की कहानी


व्यवसायी, कॉलमिस्ट और अभिनेता सुहेल सेठ ने इस बारे में विस्तार से बताया था, “उनके (रतन टाटा) टैंगो और टिटो दो कुत्तों में से एक की तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी. तब टाटा ने कहा था मैं उसे छोड़कर नहीं जा सकता.” रतन टाटा के यात्रा पर नहीं जाने का कारण फोन पर सुहेल सेठ को बताया गया था. सेठ उस अवार्ड इवेंट के लिए लंदन में थे.


तब क्या कहा था किंग चार्ल्स III ने


लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती. जब प्रिंस चार्ल्स को रतन टाटा के इस इवेंट में शामिल न होने का कारण पता चला, तो वे आश्चर्यचकित नहीं हुए. उन्होंने कहा, “यही इंसान है. यही रतन है. यही कारण है कि टाटा हाउस आज जिस स्थिति में है.”