RBI MPC Meeting: रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं, RBI ने जारी किए मौद्रिक नीति समीक्षा के आंकड़े
Reserve Bank of India: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी की छह सदस्यीय बैठक (MPC Meeting) के आधार पर लिये गए फैसलों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि लगातार पांचवी बार सभी सदस्यों की सहमति के आधार पर रेपो रेट पुराने स्तर 6.5 प्रतिशत पर बरकरार है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गर्वनर शक्तिकांत दास की तरफ से तीन दिन चली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में किए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी गई. आरबीआई ने मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं करने का फैसला किया. रेपो रेट लगातार पांचवी बार 6.5 प्रतिशत के स्तर पर कायम है. दास ने बताया कि एमपीसी मीटिंग के दौरान सभी सदस्यों की सहमति से रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं करने का फैसला किया गया. आपको बता दें केंद्रीय बैंक की तरफ से आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया गया था.
आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7 प्रतिशत किया
आरबीआई गवर्नर ने मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद देश की इकोनॉमी मजबूत बनी हुई है, हमारी बुनियाद सुदृढ़ है. एमपीसी ने महंगाई को काबू में रखने और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए नरम रुख को वापस लेने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 6.5 से सात प्रतिशत किया है. बैंकों और कॉरपोरेट के मजबूत दोहरे संतुलन से आने वाले समय में प्राइवेट सेक्टर का निवेश बढ़ेगा.
महंगाई दर को चार परसेंट पर लाने का लक्ष्य
शक्तिकांत दास ने खाद्य महंगाई पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर 5.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है. मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में खुदरा महंगाई दर 5.6 परसेंट और चौथी तिमाही में 5.2 फीसद पर रहने की उम्मीद है. अभी हम महंगाई दर को चार परसेंट पर लाने के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएं हैं. आरबीआई गवर्नर ने बताया कि SDF रेट 6.25 प्रतिशत पर और MSF रेट 6.75% पर बरकरार है.
घरेलू अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन बेहतर
नवंबर-दिसंबर में खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी से चिंता बना हुई है. घरेलू मांग से भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी जारी है. अक्टूबर में 8 कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ बेहतर लागत खर्च में कमी से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर मजबूत ग्रामीण मांग में सुधार देखने को मिल रहा है. उन्होंने बताया कि सरकारी खर्चे से निवेश की रफ्तार में तेजी देखी गई और त्योहारी मांग से घरेलू खपत बढ़ी. वित्तीय वर्ष 2024 में GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 7% कर दिया गया है. वित्तीय वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में GDP अनुमान 6.4% किया गया है.