RBI Cancelled Bank License: बैंक में खाता (Bank Account) रखने वालों के लिए जरूरी खबर है. रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने एक और बैंक को बंद करने का आदेश दे दिया है. अगर आपका भी इस बैंक में अकाउंट हैं तो जान लें कि अब आपके पैसे का क्या होगा. आरबीआई (RBI) की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर इस बारे में जानकारी दी गई है. 


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आज से बंद हो गया बैंक का कारोबार
आपको बता दें भारतीय रिजर्व बैंक ने एक और बैंक का लाइसेंस कैंसिल (Bank License) कर दिया है. इस बार आरबीआई ने पुणे स्थित सेवा विकास सहकारी बैंक (Seva Vikas Co-operative Bank) का लाइसेंस रद्द किया है. आरबीआई ने कहा है कि बैंक आज से ही यानी 10 अक्टूबर से ही बैंक की सेवाएं बंद हो जाएंगी. 


बैंक के पास नहीं है पर्याप्त पूंजी
बता दें जिन भी ग्राहकों का खाता इस बैंक में है वह लोग 10 अक्टूबर के बाद से इसकी सेवाओं का फायदा नहीं ले सकेंगे. आज ही बैंक को अपना बैंकिं कारोबार बंद करना होगा. आरबीआई की ओर से जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक, बैंक के पास में पर्याप्त पूंजी नहीं है और न ही आगे कमाई करने की संभावनाएं हैं. 


RBI के मुताबिक, सेवा विकास सहकारी बैंक के लाइसेंस को कैंसिल करने के पीछे कई कारण बताए गए हैं. आइए जानिए क्या हैं खास वजह-


>> बैंक के पास में पर्याप्त पूंजी और कमाई करने की संभावना नहीं है. इसके साथ ही बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 11(1) और धारा 22 (3)(डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है.


>> बैंक धारा 22(3) (ए), 22 (3) (बी), 22 (3) (सी), 22 (3) (डी) और 22 (3) (ई) के नियमों का पालन करने में भी सक्षम नहीं है. 


>> इसके अलावा आरबीआई ने कहा है कि बैंक का बने रहना जमाकर्ताओं के हित में नहीं है. पर्याप्त पूंजी न होने की स्थिति में अगर बैंक को आगे ले जाने की परमिशन मिलती है तो ऐसे में जनहित में गलत प्रभाव देखने को मिलेगा. 


बंद हो गईं ये सभी सुविधाएं
रिजर्व बैंक की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, सेवा विकास सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को तत्काल प्रभाव से बैंकिंग कारोबार बंद करने की परमिशन दे दी गई है. इसमें जमा स्वीकार से लेकर जमा राशि का भुगतान करने समेत सभी सुविधाएं शामिल हैं. 


क्या होगा ग्राहकों के पैसे का?
अगर ग्राहकों के पैसे की बात की जाए तो प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, प्रत्येक ग्राहक जमा बीमा और क्रेडिट से 5,00,000/- तक की राशि का दावा कर सकता है. डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत यह पैसा ग्राहकों को मिलेगा. 


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